देवेश प्रताप सिंह राठौर
उत्तर प्रदेश, झांसी - वायु प्रदूषण अब सिर्फ पर्यावरण का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रहा है, खासकर दिल की सेहत पर। जहरीली हवा न केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि दिल की नसों को भी प्रभावित करती है। उत्तर भारत में सर्दियों के दौरान प्रदूषण के बढ़ते स्तर हृदय रोगों और हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा और बढ़ा देते हैं डॉ. पंकज रंजन, निदेशक और वरिष्ठ सलाहकार, कार्डियोलॉजी, यथार्थ हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा, ने कहा, "दिल और फेफड़ों पर प्रदूषण का सीधा असर पड़ता है। जहरीली हवा में
मौजूद कण खून की नसों को प्रभावित करते हैं, जिससे सूजन और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सही समय पर सावधानी और नियमित स्वास्थ्य जांच से इन जोखिमों को कम किया जा सकता है।प्रदूषण में मौजूद छोटे कण, जैसे पीएम 2.5, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड, फेफड़ों के जरिए खून में घुलकर नसों में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ाते हैं। ये कण धीरे-धीरे नसों में ब्लॉकेज का कारण बनते हैं, जिससे हार्ट अटैक, अनियमित धड़कन (अरिदमिया) और हार्ट फेलियर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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