देवेश प्रताप सिंह राठौर
उत्तर प्रदेश झांसी दूसरी सभ्यताओं का अनुसरण करते हुए हम अपने धर्म से हो रहे विमुखः डॉ० संदीप
झाँसी। जनपद के बड़ा गांव गेट बाहर चिम्मन लिटोरी की बगिया में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन हुआ। भागवत कथा वाचन के लिए वृंदावन धाम से पधारे खिलन कृष्ण शास्त्री ने श्रोतागणों को भागवत कथा कर सुनकर मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के अंतिम दिन समापन के साथ विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी डॉ० संदीप सरावगी उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से अंकुर गोस्वामी, जगदीश प्रजापति, सूरज विश्वकर्मा, राजदीप पंडित, राजेंद्र साहू, नीरज साहू, सुरेंद्र झा, रानू गुप्ता, विकास नगरिया, संजू तिवारी का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर डॉ० संदीप ने कहा भागवत में ज्ञानयोग, कर्मयोग, समाजधर्म, स्त्रीधर्म, आपद्धर्म, राजनीती आदि का ज्ञान भरा है। यह एक ऐसा शास्त्र है कि जिसके सुनने से और उसका अनुसरण करने से जीवन से संबंधित सभी प्रश्नों का
उत्तर पाया जा सकता है साधक को साधन मार्ग में क्या-क्या संशय आते हैं इन सब पर विचार करके भागवत पुराण का रचना की गयी है। हमें इस प्रकार के आयोजनों में समय-समय पर सम्मिलित होते रहना चाहिए और अपने आगे आने वाली पीढियों को भी इसके महत्व को समझना चाहिये। क्योंकि दूसरी सभ्यताओं का अनुसरण करते हुए हम अपने धर्म से विमुख होते जा रहे हैं जो भविष्य में सनातन के लिए एक बड़ा खतरा है। हमें अपने वेद पुराण आदि धर्म ग्रंथो को कुछ समय निकाल कर नियमित रूप से पढ़ना चाहिए इन्हें पढने से निश्चित रूप से आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे। इस अवसर पर संदीप नामदेव, अनुज प्रताप सिंह, राकेश अहिरवार, राजू सेन, सुशांत गेड़ा, बसंत गुप्ता, प्रमेन्द्र सिंह, आशीष विश्वकर्मा, अरुण पांचाल आदि उपस्थित रहे।
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