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Thursday, January 23, 2025

विधान से समाधान कार्यक्रम दी गईं कानूनी जानकारियां

ब्लाक महुआ में आयोजित गया विधिक शिविर

बांदा, के एस दुबे । जनपद न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डॉ. बब्बू सारंग के निर्देश पर विधान से समाधान कार्यक्रम के तहत महिलाओं के हित सरंक्षण व उनके अधिकारों के बारे में विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन हुआ। ब्लाक महुआ में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। सिविल जज (सीडि) गरिमा सिंह ने अपने सम्बोधन में महिलाओं को प्राप्त मुफ्त कानूनी सहायता, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से बचाव, देश की प्रत्येक महिला को सुरक्षा की भावना प्रदान करना, पुरुषों के समान पारिश्रमिक का लाभ आदि के सम्बंध में विस्तार से व्याख्यान किया गया। महिलाओं को कन्या भ्रूण हत्या, मानव तस्करी, पीछा करना, यौन शोषण, लिंग के आधार पर

शिविर को संबोधित करते न्यायाधीश

परेशान करना, यौन उत्पीड़न और इनमें सबसे भयावह अपराध बलात्कार जैसे अत्याचारों का शिकार होना पड़ता है। ऐसे उत्पीड़न का शिकार असंगठित क्षेत्रों में कार्य करने वाली महिलाएं, घरेलू काम करने वाली महिलाएं, निजी या सरकारी संगठनों में कार्य करने वाली महिलाएं होती है। जज महोदया ने बताया कि महिलाओं को ऐसी किसी प्रकार की समस्या होने पर वे अपना प्रार्थना पत्र कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा स्वयं आकर अथवा डाक के माध्यम से भी दे सकती है जिस पर उन्हे मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की जायेगी। अपर जिला जज व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीपाल सिंह ने कहा कि किसी भी महिला या बालिका का गर्भपात कराना कानूनन अपराध है। चिकित्सीय गर्भ समापन अधि0-1971 एवं संशोधित अधिनियम-2002 के प्रावधानों के अनुसार इस कानून का उल्लंघन करने पर 02 से 07 वर्ष तक की सजा का प्रावधान हैं। गर्भवस्था को समाप्त करने की गर्भकालीन समय सीमा 20 से 24 सप्ताह के अन्दर होना चाहिए। उन्होंने पूर्व गर्भाधान और प्रसवपूर्व निदान तकनीक अधिनियम-1994 के बारे में जानकारी दी। बाल विकास परियोजना अधिकारी महुआ प्रियांशी ने महिलाओं
कार्यक्रम के दौरान मौजूद महिलाएं

व बालिकाओं को आत्मसुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं के विषय में बताया गया। पराविधिक स्वयं सेवक सुमन ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए आत्मचिंतन एवं स्वनिर्णय की शक्ति होना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होने बताया कि महिलाओं को उन नकारात्मक स्थितियों से बचना चाहिए जो उनके सशक्त होने में बाधक है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण हेतु संचालित निराश्रित महिला पेंशन योजना, मुख्यमन्त्री कन्या सुमंगला योजना, जननी सुरक्षा योजना आदि के सम्बंध में जानकारी प्रदान करते हुए धारा 125 सीआरपीसी के अन्तर्गत भरण-पोषण के सम्बंध में विस्तार से व्याख्यान किया। इस दौरान काउंसलर अंजू निशांत वन स्टॉप सेंटर ने भी संबोधित किया। शिविर का संचालन सुमन शुक्ला ने किया। इस मौके पर उमा मुख्य सेविका, ब्लाक महुआ व राशिद अहमद डीईओ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुश्री राधा शर्मा, मोहनी, शोभा, प्रेमा, कुसमा, विद्या, मन्जू आदि उपस्थित रहीं।


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