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Friday, January 31, 2025

श्रीकृष्ण जन्म कथा सुनकर श्रोता भावविभोर, महिलाओं ने सुनाए सोहर

तिंदवाीर में मां काली मंदिर परिसर में आयोजित हो रही श्रीमद् भागवत कथा

तिंदवारी, के एस दुबे । कस्बे के मां काली देवी मंदिर परिसर में श्रीभागवत सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में भागवत व्यास आचार्य गोपाल मिश्रा ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा सुनाई। जिसे सुनकर सभी श्राेता भक्तिभाव में तल्लीन हो गए। उन्होंने श्री कृष्ण से संस्कार की सीख लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण स्वयं जानते थे कि वह परमात्मा हैं। उसके बाद भी वह अपने माता पिता के चरणों को प्रणाम करने में कभी संकोच नहीं करते थे।श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से भागवत व्यास गोपाल मिश्र ने पहले धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की महत्ता पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने कहा कि जब-जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ा है, तब-तब प्रभु का अवतार हुआ है। मथुरा के राजा कंस के अत्याचार अत्यधिक बढ़ गए, तब धरती की करुण

श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करते श्रोता।

पुकार सुनकर श्री हरि विष्णु ने देवकी माता के अष्टम पुत्र के रूप में भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया। इसी प्रकार त्रेता युग में लंकापति रावण के अत्याचारों से जब धरा डोलने लगी तब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने जन्म लिया, ऐसे तमाम प्रसंग श्रोताओं को सुनाएं, जिसे सुनकर उपस्थित श्रोता भावविभोर हो गए। कथा व्यास ने बताया कि वास्तविकता में श्रीकृष्ण केवल ग्वाल-बालों के सखा भर नहीं थे, बल्कि उन्हें दीक्षित करने वाले जगद्गुरु भी थे। श्रीकृष्ण ने उनकी आत्मा का जागरण किया और फिर आत्मिक स्तर पर स्थित रहकर सुंदर जीवन जीने का अनूठा पाठ पढ़ाया। इस मौके पर भाजपा नेता आनंद स्वरूप द्विवेदी, ओमप्रकाश मिश्रा, किशुन गुप्ता, दीपू सोनी, शुभकांत द्विवेदी, देवीदीन कुशवाहा, धर्मेन्द्र शुक्ला, अमित कुशवाहा, आशुतोष द्विवेदी, चंदन कुशवाहा, छेदीलाल गुप्ता, बाबूलाल कुशवाहा, अशोक कुमार सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।


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