बरगढ़ (चित्रकूट), सुखेन्द्र अग्रहरि । मऊ तहसील के कनियाढ़ गांव में सिंह (ठाकुर) परिवार के आवास पर 25 जनवरी से 31 जनवरी तक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा के अंतिम दिन चित्रकूट के कथा व्यास डॉ. सत्यानंद जी महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि ईषर्््या-द्वेष व निंदा से जीवन नष्ट हो जाता है, इसलिए इनसे दूर रहकर भक्ति, ज्ञान व वैराग्य के मार्ग को अपनाना चाहिए।
श्रीमद्भागवत कथा पर प्रवचन देते कथा व्यास |
कहा कि श्रीमद्भागवत कथा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाने वाली ग्रंथ है। कथा श्रवण से मनुष्य को आध्यात्मिक शक्ति मिलती है व सकारात्मक बदलाव आता है। धार्मिक आयोजन के मुख्य यजमान सुरेंद्र बहादुर सिंह रहे। वहीं जैन बहादुर, रणधीर, मुन्ना, पप्पू, जितेंद्र, लाल दिवाकर, पुष्पेंद्र व आलोक सिंह सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने कथा का रसपान किया।
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