त्रस्त कर्मचारी 4 फरवरी से हड़ताल पर अडिग
विश्वविद्यालय प्रशासन की भ्रष्टाचारी नीतियां
घोटाले पर उच्च स्तरीय जांच की मांग
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में कर्मचारियों का गुस्सा अब चरम पर पहुंच चुका है। प्रशासन की अनदेखी व वित्तीय धांधलियों से त्रस्त कर्मचारियों ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। पेंशन, भविष्य निधि और नियमित वेतन जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित कर्मचारियों ने 4 फरवरी से 19 फरवरी तक विश्वविद्यालय परिसर में सांकेतिक प्रदर्शन किया, लेकिन जब प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी, तो 20 फरवरी से क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी। संघ अध्यक्ष गुरु प्रकाश शुक्ला ने प्रशासन पर भविष्य निधि (पीएफ) के करोड़ों रुपये की हेराफेरी का सनसनीखेज आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कर्मचारियों के वेतन से काटी गई राशि को पीएफ खाते में जमा ही नहीं किया गया, बल्कि जब कर्मचारियों ने इस गड़बड़ी की
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भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारी |
जानकारी मांगी, तो उन्हें धमकाया गया। हालात इतने खराब हैं कि फरवरी-मार्च 2023 की राशि छोड़कर नवम्बर 2023 के बाद का पैसा भी खातों में नहीं डाला गया। यह घोटाला इतना बड़ा है कि यदि इसकी उच्च स्तरीय जांच हुई, तो कई अधिकारी सीधे जेल पहुंच सकते हैं। दलित एवं पिछड़ा वर्ग कर्मचारी संघ के महासचिव देवीदयाले ने बताया कि कर्मचारियों को दो-दो महीने तक वेतन नहीं मिल रहा, जिससे वे भारी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। मजबूरी में कुछ कर्मचारी कर्ज लेकर घर चला रहे हैं, तो कुछ को परिवार पालने के लिए उधारी तक लेनी पड़ रही है। कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि वे केवल कागजी आश्वासनों पर आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। अब तक सिर्फ आंदोलन हो रहा था, लेकिन अगर जल्द हल नहीं निकला तो आंदोलन उग्र हो सकता है। प्रशासन की इस चुप्पी ने विश्वविद्यालय को विवादों में घेर दिया है। इस संबंध में जब विश्वविद्यालय प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई तब रजिस्टार व वीसी का फोन नही उठा।
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