पीएम सौभाग्य योजना, सरकारी वादों का अंधेरा
आजादी से बिजली को भटकते ग्रामीण
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जिले के ग्राम गढ़चपा के आदिवासी व दलित समुदाय के लोग आज भी अंधेरे में जीवन जीने को मजबूर हैं। 2019 में बिजली के खंभे तो लगा दिए गए, लेकिन तार अब तक नहीं खिंचे गए। स्थिति यह है कि प्रशासन और बिजली विभाग पीएम सौभाग्या योजना में कागजों में 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का दावा कर रहा है, जबकि हकीकत में गांव के लोग लालटेन और दीयों के सहारे जिंदगी गुजार रहे हैं। प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना पर हर घर तक बिजली पहुंचाने का सपना देखा गया था, लेकिन चित्रकूट के बिजली विभाग की लापरवाही ने इस सपने को चकनाचूर कर दिया। इससे नाराज ग्रामीणों ने मानिकपुर तहसील पहुंचकर जमकर प्रदर्शन किया और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों ने अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द
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मानिकपुर तहसील में ज्ञापन देते ग्रामीण |
गांव में बिजली आपूर्ति बहाल करने की मांग की। इसी संबंध में जब जेई दीपक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की मंजूरी शासन स्तर पर लंबित है, जैसे ही अप्रूवल मिलेगा, काम शुरू करवा दिया जाएगा। लेकिन सवाल है कि आखिर यह अप्रूवल कब तक अटका रहेगा? क्या पांच साल से प्रशासन को याद नहीं आया कि गढ़चपा के लोग अब भी अंधेरे में हैं? ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी जानबूझकर मामले को टाल रहे हैं और फर्जी रिपोर्ट बनाकर सरकार की छवि खराब कर रहे हैं।
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