भूख हड़ताल 51वें दिन भी जारी,
बडे व्यापक आंदोलन की तैयारी
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । राम राम रटते रहो जब लगि घट में प्रान...- महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में जारी भूख हड़ताल मानो इसी भाव को साकार कर रही है। संयुक्त कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारियों की यह लड़ाई अब 51वें दिन में प्रवेश कर चुकी है। आंखों में पीड़ा, पेट में आग व दिल में उम्मीद- बस इसी तिनके के सहारे कर्मियों का धैर्य कायम है। पेंशन, पीएफ व नियमित वेतन जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए विश्वविद्यालय के कर्मचारी भूख की आग में तप रहे हैं। कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, लेकिन वेतन न होने के कारण इलाज से वंचित हैं। बच्चों की फीस नहीं दी तो धमकी मिलती है। घरों में बीमार वृद्ध मां-बाप दवा के बिना एक निवाला नहीं खा पा रहे। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन कानों में रूई डाले, आंखों पर पर्दा किए सन्नाटे का पहरा बैठा रखा है।
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| विश्वविद्यालय गेट के बाहर प्रदर्शन करते पीडित कर्मचारी |
संघ अध्यक्ष गुरु प्रकाश शुक्ला कहते हैं-हमारी मांगें संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हमारी मौलिक अधिकार हैं। लेकिन मांगों के समाधान के बजाय विश्वविद्यालय हमें अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी दे रहा है। सवाल है जब कर्मचारी संविधान के दायरे में रहकर गांधीवादी तरीके से अहिंसक आंदोलन कर रहे हैं, तो क्या उन्हें अपमानित और प्रताड़ित किया जाएगा? आखिर कब दी जाएगी दीनदयाल के कानों तक इस आर्तनाद की भनक? संयुक्त कर्मचारी संघ भोपाल जाकर राज्यपाल और उच्च शिक्षा विभाग से मिलेगा, ताकि इस संस्थान की बदहाल स्थिति और प्रशासन की तानाशाही से उन्हें अवगत कराया जा सके। पूरे प्रदेश को बताया जाएगा कि शिक्षा के मंदिर में कैसे कर्मचारियों की आस्था और अधिकारों को रौंदा जा रहा है।


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