बाल विवाह निषेध समिति की बैठक
समाज को किया गया सतर्क
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । अक्षय तृतीया जैसे शुभ पर्व के मौके पर नाबालिग बच्चों की शादियों की संभावनाओं को देखते हुए बाल विवाह प्रतिषेध समिति के तत्वावधान में वन स्टॉप सेंटर चित्रकूट में एक महत्वपूर्ण बैठक की गई। बैठक डीएम शिवशरणप्पा जीएन द्वारा गठित समिति के निर्देश पर व जिला प्रोबेशन अधिकारी पंकज कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन में हुई। बैठक में कहा कि अक्षय तृतीया का धार्मिक महत्व है और इस दिन अनेक शुभ कार्य जैसे विवाह आदि का आयोजन होता है। लेकिन इसी आड़ में बाल विवाह की घटनाएं भी सामने आती हैं, जो न केवल अवैध हैं बल्कि समाज के लिए गंभीर खतरे का संकेत भी देती हैं। बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है, जिसके लिए दो वर्ष तक
![]() |
| बाल विवाह पर चर्चा करते अधिकारीगण |
की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना निर्धारित है। बैठक में निर्णय लिया गया कि धर्मशाला, लॉज, मंदिर, गुरुद्वारा, विवाह स्थलों के संचालकों, कर्मकांडी ब्राह्मण, नाई, माली, बैंड पार्टी को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि किसी भी विवाह में लड़की की उम्र 18 और लड़के की उम्र 21 वर्ष से कम होने की स्थिति में सेवा प्रदान न करें। बैठक में वन स्टॉप सेंटर से रंजीता द्विवेदी, राकेश माथुर, मीनू सिंह, अर्चना साहू, बाल संरक्षण अधिकारी डॉ सौरभ सिंह समेत अन्य मौजूद रहे।


No comments:
Post a Comment