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Monday, April 14, 2025

रासलीला है काम पर विजय की कथा : आनंद भूषण

बामदेवेश्वर मंदिर कैलाशपुरी मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन हुआ उद्धव चरित्र, महारासलीला और रुक्मिणी विवाह का वर्णन

बांदा, के एस दुबे । जहा राम तह काम नहि जहा काम नही राम। तुलसी दोनों रही सके रवि रजनी एक ठाम,! श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथावाचक आनंद भूषण जी महाराज जी ने यह उद्गार व्यक्त किये। उन्होंने उद्धव चरित्र,महारासलीला और रुक्मिणी विवाह का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि गोपियों ने श्रीकृष्ण को पति रूप में पाने की इच्छा जताई। श्रीकृष्ण ने इस कामना को पूरा करने का वचन दिया। कैलाशपुरी स्थित बामदेवेश्वर मंदिर मंदिर के पास आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के छठवें दिन चित्रकूट धाम से पधारे आनंद भूषण जी महाराज ने भगवान कृष्ण योगेश्वर हैं उन्होंने इस लीला के माध्यम से काम पर विजय प्राप्त करते हुए संसार को

कथा सुनाते आनंद भूषण महाराज

जीवन का मार्ग बताया इसके साथ ही ब्रम्हा जी का मोह ,कंस का संहार ,एवम रुकमणि विवाह ,आदि कथाओ की चर्चा की कथा सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गये। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य महारास लीला का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान की महारास लीला इतनी दिव्य है कि स्वयं भोलेनाथ उनके बाल रूप के दर्शन करने के लिए गोकुल पहुंच गए। मथुरा गमन प्रसंग में अक्रूर जी भगवान को लेने आए। जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा जाने लगे समस्त ब्रज की गोपियां भगवान कृष्ण के रथ के आगे खड़ी हो गई। कहने लगी हे कन्हैया जब आपको हमें छोड़कर ही जाना था तो हम से प्रेम क्यों किया। आनंद भूषण जी महाराज ने बताया कि रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था। इसीलिए श्रीकृष्ण ने हरण कर रुक्मणी से विवाह किया। कथा व्यास के मुख से विवाह का विस्तार वर्णन सुनकर श्रद्धालु
मौजूद श्रोतागण

गदगद हो उठे।कथा के दौरान संगीतमय भजन गीतों से देर शाम तक भक्तिमय माहौल बना रहा। श्री कृष्ण एवं रुकमणी विवाह उत्सव पर मनोहर झांकी प्रस्तुत की गई।कथा परीक्षित कुसुम त्रिपाठी माता, मनीषा त्रिपाठी, पंडित रमेश त्रिपाठी ने भगवान की आरती उतारी।कथा प्रांगण में राजू त्रिपाठी (राज), दिलीप त्रिपाठी, संतोष त्रिपाठी, उमादत्त त्रिपाठी, उमाशंकर त्रिपाठी (रज्जू ), अमित सेठ, फूल मिश्रा, भोलू, आनंद गौतम, अंशुल जैन, उमेश त्रिपाठी, आरके त्रिपाठी, रानू चतुर्वेदी, रश्मि, अनुराधा प्रदीप जड़िया, शिल्पी त्रिपाठी, वंदना, संतोष मिश्रा हिंदू गौरक्षा समिति, सुनीता शिवहरे,सहित सैकड़ों की संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।


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