1232 बच्चों की स्क्रीनिंग, 35 केस पकड़े
6 साल के सिपाही, फाइलेरिया पर भारी
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जिले में फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी के खिलाफ एक निर्णायक जंग छेड़ दी गई है। डीएम शिवशरणप्पा जीएन के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में 12 मई से 24 मई तक जिले के शिवरामपुर, पहाड़ी, मानिकपुर व अर्बन क्षेत्रों में टास्क एक्टिविटी चलाई जा रही है। अभियान का उद्देश्य छोटे बच्चों में समय रहते फाइलेरिया संक्रमण की पहचान कर उसे जड़ से खत्म करना है। अभियान के तहत 6 से 7 वर्ष की उम्र के बच्चों के ब्लड सैंपल लेकर क्यूएफएटी किट के माध्यम से जांच की जा रही है। यह एक विशेष तकनीक है जो शुरुआती चरण में ही संक्रमण का पता लगा सकती है, जिससे समय रहते उपचार संभव हो सके।
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| क्यूएफएटी किट से बच्चों के ब्लड सैंपल लेती टीम |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संतोष कुमार ने बताया कि इस टास्क एक्टिविटी के लिए प्रत्येक ब्लॉक में चार सदस्यीय टीमों का गठन किया गया है, जो चिन्हित गांवों में जाकर बच्चों की जांच कर रही हैं। नोडल अधिकारी डॉ जी.आर. रतमेले और जिला मलेरिया अधिकारी लाल साहब सिंह के अनुसार अब तक 32 गांवों के 1232 बच्चों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से 35 बच्चे फाइलेरिया पॉजिटिव पाए गए हैं। इन सभी बच्चों को तुरंत आवश्यक दवाएं और इलाज उपलब्ध कराया गया है। यह अभियान न केवल बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा कर रहा है, बल्कि भविष्य में बीमारी की श्रृंखला को भी तोड़ने का कार्य कर रहा है। इस कार्य में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) व पाथ संस्था की तकनीकी सहायता से गुणवत्ता और प्रभावशीलता की जा रही है। जिला और ब्लॉक स्तर के नोडल अधिकारी प्रतिदिन इस अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, जिससे प्रत्येक जांच सटीक और मानक के अनुरूप हो।


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