बाँदा, के एस दुबे । संत निरंकारी मिशन प्रकृति के अंदर समस्त मानव जाति को एक सूत्र में पिरोकर अपना परिवार मानता है। निरंकारी मिशन प्रकृति को 9 भागों में बाँटकर इनको बनाने वाले सर्वशक्तिमान निरंकार प्रभु को इन सबके बीच उपस्थित रहते हुए इसकी रजा में रहना ही भक्ति है। शहर के मोहल्ला शास्त्री नगर स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को भोपाल से पधारे केंद्रीय प्रचारक अशोक जुनेजा ने संत समागम को संबोधित करते हुए यह सदोपदेश दिए। उन्होंने कहा कि संत निरंकारी मिशन प्रकृति के अन्दर समस्त निरंकारी मिशन का आधार ब्रम्हज्ञान है। ब्रम्हज्ञानी सतगुरु के प्रत्येक वचन को इलाही फरमान मानता है। जहाँ गुरु का गुरुसिख सत्संग को प्राथमिकता देता है, वहीं सांसारिक विचारधारा के लोग आध्यात्मिक कार्यों को रोककर या देरी से जाने का कारण
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| सम्बोधित करते प्रचारक |
अपने दुनियावी कार्यों को करते हैं। यह संसार निरंकार प्रभु की छाया है, जैसे किसी व्यक्ति को किसी गाड़ी में बैठकर अपनी यात्रा को तय करना होता है तो उसे अपनी छाया को नहीं कहना पड़ता कि तुम भी साथ बैठो, छाया तो साथ-साथ चलती है। इसी प्रकार यदि इस निराकार प्रभु परमपिता परमात्मा को हर समय अपने एहसास में रखते हैं तो यह समाज, संसार या हमारी सांसारिक जिम्मेदारी स्वतः पूरी हो जाती है। इस निराकार प्रभु का स्वभाव है सबसे प्रेम, सदभाव एवं भाईचारा स्थापित करना न कि किसी से नफरत करना। यह जानकारी मीडिया सहायक ओमप्रकाश कश्यप ने दी। सत्संग के उपरांत सभी श्रद्धालु भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया।


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