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Sunday, December 21, 2025

......यह याद निरंतर रखना, है मंजिल तुमको पाना

शैलेन्द्र साहित्य सरोवर की 416 वीं साप्ताहिक रविवासरीय काव्य गोष्ठी आयोजित

फतेहपुर, मो. शमशाद । शहर के मुराइन टोला स्थित हनुमान मंदिर में शैलेन्द्र साहित्य सरोवर के बैनर तले 416 वीं साप्ताहिक रविवासरीय सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन केपी सिंह कछवाह की अध्यक्षता एवं शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी के संचालन में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में मंदिर के पुजारी विजय कुमार शुक्ल उपस्थित रहे। काव्य गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए केपी सिंह कछवाह ने वाणी वंदना में अपने भाव प्रसून प्रस्तुत करते हुए कहा कि वीणा पुस्तक धारिणी, हे विद्या की खान। सरस्वती, मां आइए, करते हम आह्वान।। पुनः कार्यक्रम को गति देते हुए काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार से अपने अंतर्भावों को प्रस्तुत किया हे पथिक, मार्ग पर चलते, थककर तुम बैठ न जाना। यह याद

काव्य गोष्ठी में भाग लेते कवि एवं साहित्यकार।

निरंतर रखना, है मंजिल तुमको पाना।। डा. सत्य नारायण मिश्र ने अपने भावों को एक छंद के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किया प्रभुता से प्रभु ना मिलें, अहंकार से दूर। निर्मल मन में ही बसें, जो सब जग के नूर।। उमाकांत मिश्र ने अपने व्यंग्यात्मक भावों को मुक्तक में कुछ इस प्रकार पिरोया कितनी ही बांसुरी बजावें वासुदेव कृष्ण, डीजे वाली गोपियां ये नाच न दिखाएंगी। प्रेम मोह जाल में जो फंस गए आप कभी, काट-काट नीले वाले ड्रम में छिपाएंगी।। प्रदीप कुमार गौड़ ने पढ़ा जियो बुजुर्गा, शतक जमाकर, शीत बढ़ी घर बैठो जाय। ओढ़ रजाई रहो गरम औ, पिए रहो अदरक की चाय।। राम अवतार गुप्ता ने पढ़ा जो पवित्र मन के मनुज, सदा आचरण शुद्ध। चलते-फिरते तीर्थ हैं, यही बताते बुद्ध।। डा. शिवसागर साहू ने पढ़ा मार अपाचे की कठिन, करै शत्रु संहार। सेना की ताकत बढ़ी, होगा वैरी क्षार।। आयोजक एवं संचालक शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी ने पढ़ा यह भारत ही नहीं, सकल जग, बने अयोध्या का शुभ धाम। तभी सनातन धर्म सफल जब, बसें सभी के मन में राम।। अंत में पुजारी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया। 


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