चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। भाकपा जिला सचिव का अमित यादव एड ने कार्ल माक्र्स की 205वीं जयंती पांच मई के मौके पर कहा कि कम्युनिस्ट पार्टियों की लोग आलोचना करते हैं। अब कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता में नहीं हैं, वो कहीं नजर नहीं आती। एक केरल में कोने में बैठे हैं, फिर भी वो विचारधारा खतरनाक है। भाजपा जिला सचिव का अमित यादव ने कार्ल माक्र्स की जयंती पर कहा कि लोकतान्त्रिक देश में लोकतान्त्रिक प्रक्रिया से चुनकर आये सत्ता शिखर पर विराजमान व्यक्ति ने आजादी के बाद पहली बार कम्युनिस्टों और उनके सिद्धांत के बारे में इस तरह के विचार व्यक्त किए हैं। यह स्वतः गंभीर विचार का विषय बन जाता है। वक्ता की नीयत और इरादों पर भी सवाल खड़े करता है। हमारी विचारधारा खतरनाक है, क्योंकि एकमात्र वही सिद्धांत है जिसे मानने वालों ने ओढ़े गए धर्म-संस्कृति और
आस्था के चोगे को उघाड़ कर देश-दुनिया और जनता के सामने ला दिया। सिर्फ और सिर्फ शोषक पूंजीवाद, जो आज कारपोरेट राज बन चुका है, उसके दुमछल्ले मात्र हैं। अपने इस कुरूप पर पर्दा डालने को ही आपने यह धर्म- संप्रदाय-जाति का लबादा ओढा हुआ है। संविधान और लोकतंत्र की नींवों को खोखला कर देश अब एक फासीवादी निजाम की ओर बढ़ेगा, वही हुआ भी। यह दृष्टि हमें किसी अन्य से नहीं विश्व के मेहनतकशों के मसीहा और समाजवाद के स्वप्न को हकीकत में ढालने वाले महा मनीषी कार्ल माक्र्स से मिली है। आज हम तुम पर नहीं, महान माक्र्स और उनके दर्शन और कृतित्व पर चर्चा की जायेगी।


No comments:
Post a Comment