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Thursday, August 31, 2023

बहनों ने भाइयों की कलाई पर बांधी राखी

गुरुवार को दूसरे दिन भी मनाया गया रक्षाबंधन

कजली विसर्जन के साथ गांवों में भाइयों को बांधी गई राखी

बांदा, के एस दुबे । अबकी बार रक्षाबंधन का पर्व तिथियों के हेरफेर के चलते दो दिन मनाया गया। बुधवार को रात नौ बजे के बाद बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी। इसी तरह गुरुवार को सुबह साढ़े पांच बजे से सात बजे तक रक्षाबंधन का दौर चला। इसके बाद परेवा तिथि आ जाने पर कजली का विसर्जन किया गया और ग्रामीण क्षेत्रों में बहनों ने भाइयों को राखी बांधी। इस दौरान मिठाई की दुकानों में खरीददारों की भीड़ लगी रही। जलेबी की भी जमकर बिक्री हुई।

भाई की कलाई पर राखी बांधती बहन

रक्षाबंधन पर्व के दौरान राखी किस दिन बांधी जानी है, इसको लेकर उहापोह की स्थिति बनी रही। हालांकि विद्वान पंडितों से पूछने के बाद लोगों ने बुधवार की रात को नौ बजे के बाद राखी बांधी। यह सिलसिला तकरीबन 11 बजे तक चला। इसके बाद गुरुवार को सुबह साढ़े पांच बजे से राखी बांधने का सिलसिला शुरू हुआ, जो सुबह सात बजकर पांच मिनट तक चला। कुल मिलाकर दो दिनों तक रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया। इसके बाद परेवा की तिथि लग जाने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में कजली का विसर्जन नदी, तालाबों और सरोवरों में किया गया। इसके बाद फिर से राखी बांधने का दौर चला। गौरतलब हो कि गांवों में ज्यादातर कजली विसर्जन के बाद ही राखी बंधन का त्योहार मनाया जाता है। बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी, इसके बाद भाइयों ने भी उनकी सुरक्षा का संकल्प दोहराते हुए उन्हें उपहार दिए।


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