भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणपति की स्थापना की जाती है. 10 दिन तक मनाए जाने वाला गणेश उत्सव इस साल भाद्रपद मास के शुक्ल की चतुर्थी की शुरुआत, 18 सितंबर दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से होगी और 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर्व 19 सितंबर 2023, मंगलवार के दिन से मनाया जाएगा। गणेश चतुर्थी के दिन मध्याह्न पूजा मुहूर्त सुबह 10:47 बजे से दोपहर 01 बजकर 13 मिनट के बीच रहेगा। वहीं इस विशेष दिन पर रवि योग का निर्माण हो रहा है जो सुबह 06 बजकर 08 मिनट से दोपहर 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। इसके साथ इस दिन स्वाती नक्षत्र का निर्माण हो रहा है जो दोपहर 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
.प्रथम पूजनीय गणेश जी आराधना से सारे विघ्न दूर हो जाते है. मान्यता है कि भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से इस माह की चतुदर्शी तिथि यानी कि 10 दिनों तक भगवान गणेश पृथ्वी पर वास करते हैं. गणेश चतुर्थी पर जगह-जगह पंडाल और घरों में गणेश को स्थापित किया जाता है. कहते हैं कि जो व्यक्ति इन दिनों में गणेश जी को घर में बैठाकर सच्चे मन से उनकी आराधना करता है उसके जीवन से तनाव खत्म हो जाता है. सुख-समृद्धि आती है भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को प्रथम पूज्य देव भगवान गणेश का मध्याह्न के समय जन्म हुआ था। । भगवान गण्ेाश विध्नहरता व बुद्धि के देवता है। इनका वाहन मूषक है और ऋद्धि तथा सिद्धि इनकी दो पत्नियां है। श्री गणेश की उपासना से कार्याे में सफलता मिलती है। विघ्न दूर होते है। वहीं ज्ञान व बुद्धि में वृद्धि होती है तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। गणेश चतुर्थी के दिन गणेश प्रतिमा पर सिन्दूर चढ़ाना चाहिये तथा मोदक का भोग लगाना चाहिए।
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