गुरुवार को महिलाओं ने रखा व्रत, कच्चा सूत लेकर वट वृक्ष की परिक्रमा लगाई
बांदा, के एस दुबे । बुधवार को महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा-अर्चना करते हुए पति की लंबी उम्र की कामना की। शहर समेत पूरे जनपद में पूजा की गई। सुहागिन महिलाओं ने पूरे दिन व्रत रखा। इसके साथ ही सावित्री सत्यवान की कथा भी महिलाओं ने एक-दूसरे को सुनाई। सुबह से ही सुहागिन महिलाये नए-नए वस्त्र और आभूषण धारण करते हुए बट सावित्री वृक्ष के नीचे पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इस दिन विवाहित महिलाओं ने अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए वटवृक्ष की जड़ में जल डालकर फूल धूप मिठाई फल व गुलगुला आदि से वटवृक्ष की पूजा अर्चना
शहर में वट वृक्ष की पूजा-अर्चना करती सुहागिन महिलाएं |
की। शहर के महेश्वरी देवी मंदिर, पद्माकर चौराहा, कचहरी रेलवे क्रासिंग, बलखंडीनाका, काली देवी मंदिर समेत तमाम स्थानों पर लगे वट वृक्षों के तले सुहागिन महिलाओं की भीड़ नजर आई। इधर, अतर्रा में सिद्धपीठ गौराबाबा धाम मंदिर, कृषि फार्म, नरैनी रोड, कोतवाली परिसर, तुर्रा बरम बाबा, सहित आदि स्थानों में लगे हुए बरगद के पेड़ में गुरुवार की तडक़े सुबह से ही महिलाओं ने पूजा अर्चना करते हुए 51 और 101 परिक्रमा लगाकर धागा बांधा और अपने अपने पति की लंबी उम्र की कामना की। कस्बे के ज्योतिषाचार्य शिवदत्त त्रिपाठी ने बताया कि मान्यता
है कि जो भी विवाहिता महिला इस उपवास को रखती है, उन्हें अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन सौभाग्यवती महिलाएं अखंड सौभाग्य प्राप्त करने के लिए वट सावित्री व्रत रखकर वट वृक्ष तथा यमदेव की पूजा करती है। वट सावित्री व्रत पूजा ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को की जाती है। इसके अलावा नरैनी, बदौसा, कमासिन समेत पूरे जनपद में वट सावित्री के मौके पर सुहागिन महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा की और पति की लंबी आयु की कामना की।
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