पाठा क्षेत्र में रातें बेहद ठंडी
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जिले में ठंड का असर धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। इसका विशेष प्रभाव ग्रामीण व आदिवासी इलाकों के बच्चों पर देखा जा रहा है। इस मौसम में बच्चों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है। ठंड में बीमारियों का खतरा अधिक होता है। पाठा क्षेत्र के आदिवासी समाज के बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका गहरा असर पड़ रहा है। मंगलवार को जिला अस्पताल के डॉ तवनीर ने बताया कि ठंड में बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। इससे वे सर्दी, जुकाम, बुखार व निमोनिया जैसी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। चित्रकूट जैसे ठंडे व पहाड़ी इलाकों
पाठा क्षेत्र में धुंध का दिख रहा असर। |
में रातें बेहद ठंडी होती हैं। इससे बच्चों को इन खतरों का सामना करना पड़ता है। ठंड के प्रभाव से बच्चों का शरीर जल्दी ठंडा हो जाता है। इससे हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों को ठंड से बचाने को गर्म कपड़े पहनायें। सूती कपड़ों की बजाय ऊनी कपड़े, स्वेटर, जैकेट, मफलर, दस्ताने व गर्म मोजे पहनाना ज्यादा है। ठंड में बच्चों को गर्म चीजें खाने को दें। गर्म सूप, दूध, हलवा, ताजे फल व सब्जियों का सूप दें। इससे शरीर को अंदर से गर्मी मिलती है और इन्फेक्शन का खतरा कम होता है।
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