ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठने के दौरान की जमकर नारेबाजी
राजस्व अधिकारियों पर सरकारी जमीनें छिपाने का लगाया आरोप
बदौसा, के एस दुबे । ब्लाक कार्यालय बनाए जाने के लिए अभी तक जमीन चिन्हित नहीं की गई है। इसको लेकर ब्लाक बनाओ संघर्ष समिति ने आंदोलन शुरू कर दिया है। मंगलवार को समिति के पदाधिकारियों के साथ ग्रामीणों ने हाइवे किनारे ग्राउंड में धरना दिया और जमकर नारेबाजी करते हुए राजस्व अधिकारियों पर अनैतिक दबाव के चलते सरकारी जमीनों को छिपाने का आरोप लगाया गया। कहा गया कि जब तक जमीन चिन्हित नहीं हो जाती, धरना जारी रहेगा। बदौसावासियो की अर्से से नवसृजित ब्लाक बनाये जाने की मांग पर नवसृजित ब्लाक बनाये जाने की घोषणा नवम्बर 2024 में शाशन द्वारा की गई थी । घोषणा होने के बाद तत्काल महुआ , नरैनी , बिसंडा ब्लाक से 43 गांव अलग कर विकास खण्ड अधिकारी नरैनी ने आनन फानन शाशन को अपनी रिपोर्ट भेजने के बाद
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| ग्राउंड में धरने पर बैठे समिति पदाधिकारी व अन्य। |
ब्लाक कार्यालय के जमीन चिन्हीकरण के लिए कई बार राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों ने शाशन को पत्र भेजे गए। इसके बावजूद राजस्व अधिकारियों तहसीलदार अतर्रा ने 18 जनवरी को लिखा कि बदौसा में जमीन नहीं है बरछा में ब्लॉक बनाने का प्रस्ताव भेजा तो वहीं उपजिलाधिकारी अतर्रा ने एक पत्र में कहा कि बदौसा में जमीन नहीं है तुर्रा में ब्लॉक बनाने का प्रस्ताव भेज कर दोनों राजस्व अधिकारियों ने सरकार को झुठी रिपोर्ट भेजा कि बदौसा में जमीन नहीं है जबकि यहां मिल्कियत सरकार की ब्रिटिश जमाने की तहसील की कई हेक्टेयर जमीन मौजूद है तो किस आधार पर शासन को गुमराह कर रहे हैं। ब्लॉक बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले धरना प्रदर्शन के दौरान ब्लॉक बनाने तक संघर्ष की मुकम्मल रणनीति बनाई गई। मिल्कियत सरकार की जमीन से अवैध कब्जा हटा कर ब्लॉक मुख्यालय बनाने की मांग को प्रमुखता से रखी गई। कल से क्रमिक अनशन करने का निर्णय लिया गया। श्यामाचरण बाजपेयी के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन के पहले दिन रामजस निषाद, संतोष कुशवाहा, साहब दीन त्रिपाठी, उमाशंकर बर्मा ,मकबूल खान , ब्यापार मंडल के महामंत्री हरिओम बाजपेयी , होरी लाल गुप्ता, हरिशंकर दुवे, चन्द्रपाल विश्वकर्मा , रामजस , धर्मेंद्र खटीक, शिवप्रसाद शिवा, अनिल कुरील, दिलीप सिंह, हरिलाल, रामस्वरूप पांडेय,रामस्वरूप पांडे आदि अनशन स्थल में मौजूद रहे।


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