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Saturday, April 5, 2025

ग्रामेादय विश्वविद्यालय की दमनकारी नीतियों के खिलाफ महाकाल की शरण में

संघर्ष 45वें दिन भी अडिग, मूकदर्शक प्रशासन

कुलगुरू के घेराव की चेतावनी

चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, जो कभी ग्रामीण विकास व शिक्षा का आलोक स्तंभ कहलाता था, आजकल कर्मचारियों के असंतोष और संघर्ष का केंद्र बना हुआ है। संयुक्त कर्मचारी संघ के बैनर तले विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने अपनी मूलभूत समस्याओंः पेंशन, भविष्य निधि (पीएफ) तथा नियमित वेतन की मांग को लेकर चलाया जा रहा आंदोलन 4 फरवरी से निरंतर जारी है, और 20 फरवरी से यह संघष क्रमिक भूख हड़ताल का रूप ले चुका है। संघ के अध्यक्ष गुरुप्रकाश शुक्ला ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन तानाशाही रवैया अपनाते हुए कर्मचारियों की मांगों के समाधान के बजाय आंदोलन दबाने हेतु दमनात्मक कदम उठा रहा है। कहा कि हम वर्षों से सेवा दे रहे हैं, लेकिन हमारे अधिकारों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। प्रशासन की चुप्पी अब असहनीय हो चुकी है। अध्यक्ष ने यह भी चेतावनी दी कि यदि अब

प्रदर्शन में बैठे पीडित कर्मचारी

भी समाधान नहीं निकाला गया तो आगामी दिनों में कुलगुरु एवं कुलसचिव का घेराव किया जाएगा। साथ ही, न्याय की गुहार को मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र उज्जैन जाकर भगवान महाकाल की परिक्रमा की जाएगी। कहा कि जब न्याय के सारे द्वार बंद हो जाते हैं, तब केवल ईश्वर का दरबार ही अंतिम आश्रय बनता है। आज, क्रमिक भूख हड़ताल के 45वें दिन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सतना जिला सेवा प्रमुख सुशील कुमार मिश्र एवं सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव अनशन पर बैठे, जिनकी उपस्थिति ने इस आंदोलन को सामाजिक चेतना का स्वरूप दिया है। आंदोलन स्थल पर एक प्रकार की संकल्प-शक्ति का महासागर उमड़ पड़ा।


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