खामियों पर फूटा गुस्सा, सुधार को दिए कड़े निर्देश
बिना टेक्नीशियन अल्ट्रासाउंड बेकार
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । शासन की योजनाएं कागजों से निकलकर जमीन पर कैसे उतर रही हैं-इसी हकीकत को परखने जिले में पहुंचे विशेष सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग धीरेन्द्र सिंह सचान ने मंगलवार को विकासखंड मानिकपुर के ग्राम पंचायत रैपुरा में संचालित गौशाला से लेकर कई चिकित्सा केंद्रों तक औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की पूरी तस्वीर सामने रख दी। एक तरफ जहां गोवंशों की देखरेख पर नजर डाली, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत से रूबरू हुए। निरीक्षण में लापरवाहियों पर अफसरों को फटकार भी लगी, और जहां कुछ व्यवस्थाएं बेहतर मिलीं, वहां उन्होंने सराहना करते हुए आगे और सुदृढ़ बनाने के निर्देश
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| गौशाला का निरीक्षण करते विशेष सचिव |
दिए। रैपुरा गौशाला में विशेष सचिव ने साफ-सफाई, भूसा-पानी और शेड की स्थिति देखी और कहा कि बरसात से पहले सभी व्यवस्थाएं पुख्ता करें। निर्देश दिया कि गोवंशों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण हर हाल में हो। इसके बाद निरीक्षण का रुख स्वास्थ्य सेवाओं की ओर मुड़ा। आयुष्मान आरोग्य मंदिर भौंरी में सीएचओ हिमांशु अग्रवाल से मरीजों की संख्या, दवा स्टॉक, जांच मशीनों और टेली कंसल्टेशन की जानकारी ली। टेली कंसल्टेशन की अधिक फीडिंग पर सवाल खड़े करते हुए जिला कार्यक्रम प्रबंधक आरके करवरिया को सटीक आंकड़े मिलान कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। अरवारा केंद्र पर भी ओपीडी की संख्या, डीबीटी फीडिंग, व दवाओं की उपलब्धता की समीक्षा की। विशेष सचिव ने निर्देश दिए कि बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल की समुचित व्यवस्था हर केंद्र पर हो, जिस पर
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| रैपुरा सीएचसी का निरीक्षण करते विशेष सचिव |
बताया गया कि इसकी टेंडर प्रक्रिया जारी है। निरीक्षण की कड़ी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रैपुरा और खोह के 200 सैया अस्पताल का भी दौरा हुआ। यहां अल्ट्रासाउंड मशीन होने के बावजूद टेक्नीशियन की कमी से मशीनें धूल फांक रही थीं। रैपुरा सीएचसी में स्टाफ की भारी कमी सामने आई। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ मनीष यादव व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ ओपी भास्कर ने बताया कि चिकित्सक और टेक्नीशियन नहीं होने से कई सुविधाएं बाधित हैं। विशेष सचिव ने निर्देश दिया कि सभी अधूरी सुविधाओं की रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाए ताकि जल्द से जल्द सुधार हो सके। निरीक्षण में मरीजों से चाय-नाश्ता, भोजन, दवाएं और स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में भी विशेष सचिव ने सीधे संवाद किया। जननी सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाले लाभों को समय से देने के निर्देश दिए।



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