गुंता बांध बना जीवन रेखा
84 ग्रामों को शुद्ध जल का वरदान
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जिले के ग्रामीण अंचलों तक शुद्ध पेयजल की पहुंच सुनिश्चित करने को जल जीवन मिशन पर संचालित योजनाओं का शनिवार को विशेष सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश शासन तथा जनपद नोडल अधिकारी धीरेन्द्र सिंह सचान ने स्थलीय निरीक्षण किया गया। उन्होंने रैपुरा पेयजल समूह योजना के अंतर्गत ग्राम बसावनपुर, अगरहुंड़ा एवं गुंता बांध स्थित इंटेक वेल तथा वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का गहन परीक्षण किया। निरीक्षण की शुरुआत ग्राम बसावनपुर से हुई, जहां नोडल अधिकारी ने हर घर जल योजना के अंतर्गत लगाए गए घरेलू नलों का मौके पर सत्यापन किया। उन्होंने जुनैदा खान, भाई बानो, रामशरण, नेहा, माया देवी के घरों में जाकर नल चलवाकर जल की गुणवत्ता देखी व ग्रामवासियों से बातचीत कर पेयजल की शुद्धता के बारे में जानकारी ली। ग्राम अरवारा में भी रमेश, छोटेलाल, राजेश कुमार के घर पेयजल कनेक्शन की स्थिति जाँची। अधिशासी अभियंता जल निगम को निर्देशित किया कि वितरण किए जा रहे जल के नियमित सैंपल टेस्ट कराए
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| गुंता बांध पर निरीक्षण को मौजूद अधिकारीगण |
जाएं ताकि गुणवत्तायुक्त जल की आपूर्ति की जा सके। इसके बाद नोडल अधिकारी ने गुंता बांध में बने इंटेक वेल का भी निरीक्षण किया। अधिशासी अभियंता जल निगम ने बताया कि यहां से तीन लेवल स्टेज के तीन पंपों के माध्यम से पानी को वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (अगरहुंडा) तक भेजा जाता है। फिलहाल दो पंप सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। यह परियोजना 58 ग्राम पंचायतों व 84 राजस्व ग्रामों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखती है। निरीक्षण में धीरेन्द्र सिंह सचान ने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट परिसर में पौधारोपण भी किया। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) उमेश चंद्र निगम, परियोजना निदेशक सच्चिदानंद प्रसाद, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संतोष कुमार, अधिशासी अभियंता जल निगम एके भारती, यांत्रिक अधिशासी अभियंता सुमित कुमार समेत अन्य मौजूद रहे।


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