कानपुर, प्रदीप शर्मा - छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय मे संचालित बैचलर आफ फाइन आर्ट एवं मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स आधुनिक एवं आवश्यक सुविधाओं से युक्त संस्थान है जहां बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (बीएफए) चार वर्षीय, मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स (एमएफए) द्वि वर्षीय के साथ पेटिंग एवम अप्लाइड आर्ट्स में एक वर्षीय सर्टिफिकेट संचालित हो रहे हैं । बीएफए एवम एमएफए में मुख्य रूप से तीन विधाओं में पाठ्यक्रम संचालित हैं अप्लाइड आर्ट्स, चित्रकला एवं मूर्ति कला , बीएफए के प्रथम वर्ष में स्टूडेंट्स को तीनों पाठ्यक्रमों के बारीकियों को पढ़ाया जाता है और विद्यार्थी के रुचि के अनुसार द्वितीय वर्ष में उसे मनचाहे विधा में प्रवेश दे दिया जाता है जिससे वह उसे पूरी लगन के साथ इसमें अध्ययन कर अपनी प्रतिभा का विकास कर सके ।
यह संस्थान अपनी कुछ खास उपलब्धियां को समेटे हुए समय के साथ बदलाव को लेते हुए आगे बढ़ रहा है। यहां से पढ़े हुए स्टूडेंट्स वर्तमान में कला के क्षेत्र में अपना एक खास मुकाम बना रहे हैं, चाहे वह फिल्म इंडस्ट्री हो ग्राफिक डिजाइनिंग का क्षेत्र हो, चित्र निर्माण का क्षेत्र हो या फिर मूर्ति निर्माण । साथ ही प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय, कालेजों और स्कूलों में भी शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं।यह संस्थान हरे भरे कलात्मक वातावरण में स्थित है जहां रचनात्मक विचार चारों तरफ फैले हुए हैं । यहां का परिसर प्राकृतिक सौंदर्य से भी संपन्न है और यहां मन को आकर्षित कर लेने वाले भवन, बड़े एवं हवादार कमरे , सभी कक्षाओं में 5G युक्त डिजिटल बोर्ड इंस्टाल हैं जिनके माध्यम से स्टूडेंट्स दुनिया के आर्ट गैलरीज, संग्रहालय, कलाकारों एवं डिजाइनरों आदि के बारे में आसानी से जान सकता है । इसके अलावा वातानुकूलित कंप्यूटर लैब, पेंटिंग स्टूडियो, पॉटरी एवं मूर्तिकला स्टूडियो भी आधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं। विभाग के शिक्षक भारत के प्रतिष्ठित कला संस्थानों से पढ़े हुए हैं और अपनी विधा में डॉक्टरेट भी हैं। उनकी कोशिश रहती है कि यहां के विद्यार्थी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को स्थापित कर अपनी अलग पहचान बना सकें । इसलिए समय-समय पर दुनिया के प्रसिद्ध कला संस्थाओं एवम वहां की क्रियाकलापों के बारे में परिचित करवाते रहते हैं । समय-समय पर देश व विदेश के प्रसिद्ध कलाकारों,शिक्षाविदों को बुलाकर इस क्षेत्र की कैरियर की संभावनाओं से परिचित कराया जाता है । साथ ही दृश्यकला की विभिन्न विधाओं में वर्कशाप आयोजित करवाया जाता जिससे विद्यार्थी कला कौशल में निपुण हो सके। यहां कोर्स की फीस अन्य आधुनिक कला संस्थानों की तुलना में काफी कम है। बीएफए की वार्षिक फीस 29040 हजार, एमएफएम की फीस 42200 हजार है। बीएफए में 120 सीट्स, एमएफए में 70 सीट्स हैं। इन कोर्सों में प्रवेश शुरू हो गया है और जुलाई तक यह प्रवेश के लिए खुला रहेगा।


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