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Saturday, July 19, 2025

उतरने लगा केन का पानी, हिलोरें मार रही यमुना

मूसलाधार बारिश होने की वजह से खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही थी केन

यमुना नदी का जल स्तर भी खतरे के निशान के करीब पहुंचा, कई गांवों में घुसा पानी

बांदा, के एस दुबे । गुरुवार की रात को हुई मूसलाधार बारिश से केन नदी और यमुना नदी के जल स्तर में इजाफा होने लगा था। चौबीस घंटे के अंदर खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही केन नदी का पानी उतरने लगा, जबकि यमुना नदी का पानी हिलोरें मारते हुए खतरे के निशान के करीब पहुंच रहा है। यमुना नदी का जल स्तर बढ़ने की वजह से तटवर्ती गांवों में पानी घुस गया है। कई गांवों का मुख्य मार्गों से संपर्क टूट जाने की वजह से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि प्रशासनिक मशीनरी बाढ़ प्रभावित इलाकों में लगातार निगाह बनाए हुए है और लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर भेजा जा रहा है।
बदौसा के भुसासी रोड में मकान पर भरा पानी।

केन नदी का जल स्तर 105 पहुंच गया था। लेकिन शनिवार की शाम को 103 तक पहुंच गया। इसी तरह यमुना नदी का जल स्तर 95.30 मीटर से आगे की ओर बढ़ रहा है। जिलाधिकारी जे. रीभा ने नदियों के जल स्तर पर बराबर निगाह रखने और बाढ़ प्रभावित गांवों में सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही प्रशासनिक मशीनरी लगातार बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है। लगातार बारिश के चलते चंद्रावल नदी उफान पर है, जिससे जसपुरा ब्लॉक के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। ग्राम पंचायत अमारा, बरेहटा व
केन नदी में हिलोरें मारता पानी।

इसके 23 मजरे जलमग्न हो गए हैं। वहीं गड़रिया रपटा पर पानी आने से ग्रामीणों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हो रही है। बाढ़ के चलते स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था भी बाधित हो गई है। गांवों की सड़कें बनीं नदियां, ग्रामीण जान जोखिम में डालकर कर रहे पार गौरीकला गांव की मुख्य सड़क पर पानी भर गया है। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर सड़कों को पार करते नजर आए। लगातार बढ़ते जलस्तर ने चिंता बढ़ा दी है। नादादेव की सड़क पर भी
पैलानी के नादादेव में बाढ़ के पानी का जायजा लेते अधिकारी।

पानी भरने से भाथा गांव का संपर्क पूरी तरह कट गया है। धोवर नाला बंद, जलनिकासी बाधित बरेहटा गांव का प्रमुख धोवर नाला पूरी तरह से बंद हो गया है, जिससे गांव और खेतों में पानी भरने की स्थिति बन गई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल जलनिकासी की व्यवस्था कराने की मांग की है। प्रशासन अलर्ट, लेखपाल व राजस्व कर्मी तैनात
जसपुरा क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित इलाके में तैनात पुलिस

एसडीएम अंकित वर्मा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लेखपालों को तैनात कर दिया गया है। राजस्व विभाग की टीमें सतर्क हैं और ग्रामीणों को बाढ़ से बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और निचले इलाकों से दूर रहें। ग्रामीणों में दहशत, राहत कार्य की मांग अमारा, बरेहटा, गड़रिया, गौरीकला,
गड़रिया गांव में रपटा के ऊपर बहता पानी।

नादादेव, भाथा सहित कई गांवों में बाढ़ का पानी भरने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से राहत सामग्री, नाव और चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है।

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