जनजातीय जीवन, कृषि नवाचार और गुरुकुल संस्कृति से हुए अभिभूत
तीन दिवसीय प्रवास
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । नानाजी देशमुख की तपोभूमि चित्रकूट इन दिनों एक विशेष शख्सियत की गरिमामयी उपस्थिति से आलोकित है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष किशोर मकवाना तीन दिवसीय प्रवास पर चित्रकूट पहुंचे, जहां उन्होंने न केवल दीनदयाल शोध संस्थान (डीआरआई) की विविध गतिविधियों का गहन अवलोकन किया, बल्कि गांव, गरीब और जनजातीय समाज के नवजीवन के लिए चल रहे प्रकल्पों को देखकर भावविभोर हो उठे। मकवाना ने अपने प्रवास के प्रथम दिन सियाराम कुटीर पहुंचकर भारत रत्न नानाजी देशमुख के पावन कक्ष में उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर डीआरआई के उप महाप्रबंधक डॉ अनिल जायसवाल ने उन्हें रामदर्शन की पेंटिंग और संस्थान पर केंद्रित विशेष पुस्तक भेंट की। इससे पूर्व, आरोग्यधाम परिसर स्थित दिशा दर्शन केंद्र में विनीत श्रीवास्तव ने दीनदयाल शोध संस्थान की कार्यशैली, उद्देश्य और पंडित दीनदयाल
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| छात्रों से वार्ता करते अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष |
उपाध्याय के एकात्म मानवदर्शन पर विस्तार से प्रजेंटेशन दिया। इसके बाद वह रामनाथ आश्रमशाला पीली कोठी पहुँचे, जहाँ जनजातीय छात्र-छात्राओं से संवाद किया, उनका हालचाल जाना और शिक्षण-पोषण की व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया। शनिवार, अपने प्रवास के दूसरे दिन उन्होंने गनीवां का रुख किया। वहाँ तुलसी कृषि विज्ञान केंद्र की कृषि आधारित अनुसंधान इकाइयों और नवाचारों का अवलोकन किया। वे परमानंद आश्रम पद्धति विद्यालय भी पहुँचे, जहाँ अनुसूचित जाति के बच्चों से आत्मीय संवाद करते हुए उन्हें जीवन में आगे बढ़ने का प्रेरणादायक संदेश दिया। प्रवास के अंतिम चरण में उन्होंने आरोग्यधाम परिसर, रामदर्शन और दीनदयाल परिसर का दौरा किया। उन्होंने गुरुकुल संकुल के वैदिक शिक्षा प्राप्त कर रहे बालकों से मुलाकात कर भारतीय जीवनमूल्यों और परंपराओं की जीवंत झलक देखी।


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