बाँदा, के एस दुबे । ऐतिहासिक कालिंजर दुर्ग की तलहटी पर कार्तिक पूर्णिमा से लगने वाले मेला की शुरुआत हो गई है। एक दिन पहले से ही लोगों का यहां आना शुरू हो गया है। पूर्णिमा के दिन सुबह ही श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन के साथ पूजा-अर्चना करेंगे। दुर्ग की तलहटी पर स्थित मेला परिसर में जगह-जगह सजी दुकानों से गुलजार हो गया है। कार्तिक पूर्णिमा में हर साल कालिंजर में विशाल मेला लगता है। बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा पर कालिंजर दुर्ग की तलहटी पर स्थित मेला परिसर में दुकानें दो दिन पहले से ही सज गई थी। स्थानीय दुकानदारों के अलावा कई बाहरी दुकानदारों ने भी अपनी दुकाने लगाई हैं। कार्तिक पूर्णिमा में भगवान नीलकंठ की पूजा-अर्चना व दर्शन के लिए मंगलवार से ही श्रद्धालुओं का दुर्ग पर पहुंचना शुरू हो गया है। लोग किले में ही रात विश्राम कर सुबह कोट तीर्थ
तालाब में स्नान कर भगवान नीलकंठ के दर्शन व पूजन करेंगे। पूर्णिमा पर पूरे दिन श्रद्धालुओं का आना-जाना बना रहेगा। मेले में वाहनों की किले में जाने पर रोक रहती है। ऐसे में लोग सड़क मार्ग व सीढि़यों से पैदल भगवान नीलकंठ के दर्शन को पहुंचते हैं। उधर, मेला में श्रद्धालुओं की उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए सुरक्षा-व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं। जगह-जगह सुरक्षाकर्मियों की तैनाती गई है। वहीं, सादे कपड़े में पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। नरैनी कोतवाली और कालिंजर थाना पुलिस के साथ महिला उप निरीक्षक व कांस्टेबलों की ड्यूटी लगाई गई है। मेला क्षेत्र में अग्निशमन, एंबुलेंस की गाड़ियां भी तैनात रहेंगी।


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