विधिक जागरूकता संगोष्ठी संपन्न
विनायकपुर वृद्धाश्रम में कानूनी पहल
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जिले के विनायकपुर वृद्धाश्रम में आज एक ऐसी आवाज गूंजी जिसने समाज को अपने कर्तव्यों का आईना दिखा दिया। उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चित्रकूट की सचिव श्रीमती वर्णिका शुक्ला ने माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007 पर एक प्रभावी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों, अधिवक्ताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विद्यार्थियों और स्थानीय नागरिकों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की। श्रीमती शुक्ला ने स्पष्ट कहा कि वृद्ध माता-पिता की उपेक्षा न केवल अनैतिक है, बल्कि इस अधिनियम के तहत दंडनीय
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| विधिक जागरूकता संगोष्ठी में बोलते अतिथिगण |
अपराध भी है। उन्होंने समाज से आग्रह किया कि जरूरतमंद वरिष्ठजनों को निःशुल्क विधिक सहायता दिलाने में सक्रिय भूमिका निभाएँ। प्रो-बोनो अधिवक्ता हेमराज सिंह ने अधिनियम के प्रावधानों-भरण-पोषण अधिकार, शिकायत निवारण प्रक्रिया और वृद्धाश्रम व्यवस्था पर विस्तृत जानकारी दी। वहीं सहायक लीगल एड डिफेन्स काउंसिल कुलदीप सिंह ने बताया कि हर नागरिक का यह नैतिक कर्तव्य है कि वह अपने माता-पिता की सेवा करे, और उपेक्षा की स्थिति में कानून उनके साथ खड़ा है। कार्यक्रम में वरिष्ठजनों ने अपने अनुभव साझा कर युवाओं को पारिवारिक मूल्यों के संरक्षण का संदेश दिया। कार्यक्रम का संचालन कामता प्रसाद ने किया और अंत में प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने क्षेत्रों में वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की अलख जगाते रहेंगे।
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