देवेश प्रताप सिंह राठौर
उत्तर प्रदेश फ्लोरिडा/झाँसी: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी के जन्तु विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. आदित्य नारायण ने हाल ही में फ्लोरिडा में आयोजित तृतीय अंतर्राष्ट्रीय बहुविषयक सम्मेलन में ऑनलाइन व्याख्यान प्रस्तुत किया। अपने संबोधन में उन्होंने मानव और पर्यावरण के बीच गहरे और अभिन्न संबंध पर जोर दिया। डॉ. नारायण ने कहा कि मानव जीवन पूरी तरह से पर्यावरण पर निर्भर है। अस्वस्थ पर्यावरण मानव जीवन के लिए खतरा है और इससे न केवल वायु और पानी प्रदूषित होते हैं, बल्कि स्वच्छ भोजन और ताजे फल-फूल भी संकट में पड़ जाते हैं। उन्होंने प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई और प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन जैसी वैश्विक चुनौतियों पर
चिंता व्यक्त करते हुए त्वरित अंतर्राष्ट्रीय कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. नारायण ने चेताया कि यदि वैश्विक स्तर पर समय रहते उपाय नहीं किए गए, तो आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ पानी, शुद्ध वायु, सुरक्षित वातावरण और पौष्टिक भोजन जैसी बुनियादी आवश्यकताओं के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। सम्मेलन में उपस्थित अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने डॉ. नारायण के विचारों का समर्थन किया और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त वैश्विक प्रयासों की आवश्यकता बताई। प्रोफेसर मारिया ईमिलिए और प्रोफेसर वॉल्टेर ने भी उनके विचारों का समर्थन किया। यह सम्मेलन वेनी क्रिएटर क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी, यूएसए में "थर्ड इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन इनोवेशन एंड एजुकेशनल नेटवर्किंग" के शीर्षक के तहत आयोजित किया गया, जिसमें दुनिया भर से शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से भाग लिया।


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