देहात कोतवाली क्षेत्र के चहितारा गांव का मामला
बांदा, के एस दुबे । चोरी-छिपे असलहे बनाए जाने के कारोबार का पुलिस ने भण्डाफोड़ कर दिया। तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही तमाम बने और अधबने असलहे भी बरामद किए गए हैं। पुलिस का दावा है कि असलहे बनाकर अन्य जनपदों में बिक्री की जाती थी। शनिवार सुबह थाना कोतवाली देहात पुलिस द्वारा चहितारा गांव में अवैध शस्त्र निर्माण फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए भारी मात्रा में अवैध शस्त्र व शस्त्र बनाने के उपकरण बरामद किए। कोतवाली पुलिस अपराधियों की तलाश में गश्त कर रही थी, इसी दौरान उन्हें सूचना मिली कि थाना बबेरू व बिसण्डा से तीन व्यक्ति आकर चहितारा के पास जंगल में अवैध शस्त्रों का निर्माण करते हैं। सूचना पर पुलिस द्वारा छापेमारी करते हुए घेराबंदी कर मौके से तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया। पकड़े गए अभियुक्तों ने अपना नाम देवलाल निषाद उर्फ पडेरी निषाद पुत्र सूरजपाल निवासी निभौर थाना बबेरु,
पुलिस लाइन में मीडिया से रूबरू एसपी अभिनंदन |
हर्षवर्धन सिंह उर्फ ज्ञानू सिंह पुत्र स्व. अरिमर्दन सिंह थाना बिसण्डा, अजय सिंह पुत्र स्व. रामकरन सिंह निवासी बिलगाव बिसण्डा बताया है। अभियुक्तों के कब्जे से भारी मात्रा में निर्मित व अर्धनिर्मित तमंचे, कारतूस व शस्त्र बनाने के अन्य उपकरण बरामद हुए हैं। गौरतलब हो कि समूह का सरगना देवलाल निषाद उर्फ पडेरी वर्ष 2012 में भी थाना बबेरू से अवैध शस्त्र निर्माण में जेल जा चुका है। पुलिस लाइन सभागार में मीडिया से रूबरू होते हुए एसपी अभिनंदन ने बताया कि अवैध असलहा बनाने का कारोबार काफी दिनों से चल रहा था। मौके से 20 तमंचे, कारतूस और असलहा बनाने की सामग्री बरामद हुई है। पुलिस टीम में थानाध्यक्ष कोतवाली देहात अरविंद कुमार सिंह, उप निरीक्षक नरेश कुमार प्रजापति, दुर्विजय सिंह, पवन कुमार त्रिपाठी के अलावा हेड कांस्टेबल प्रकाश वीर सिंह, महेश्वर प्रसाद तिवारी, कांस्टेबल सनी कुमार, अरविंद कुमार, चंद्रशेखर, दिनेश निरंजर शामिल रहे।
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