एमबीबीएस छात्रा ऊषा की मौत का गम बर्दाश्त नहीं हो रहा
आत्महत्या का कारण अभी तक नहीं पता चला, परिजन भी बेहाल
पुलिस ने छात्रा का मोबाइल कब्जे में ले लिया, होगी पड़ताल
बांदा, के एस दुबे । रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज छात्रावास में एमबीबीएस छात्रा ऊषा भार्गव के आत्महत्या कर लेने के बाद पुलिस के लिए सुसाइड का कारण जानना बहुत ही जरूरी हो गया है। हालांकि गुरुवार को छात्रा के शव का वीडियोग्राफी के साथ दो चिकित्सकों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया है, अलबत्ता पोस्टमार्टम रिपोर्ट तो साधारण आत्महत्या की ओर ही इशारा कर रही है। कोई अन्य कारण चोट या फिर अन्य जख्म शरीर में थे ही नहीं। इधर, पुलिस ने छात्रा का मोबाइल कब्जे में ले लिया है। मोबाइल की पड़ताल करके ही पुलिस शायद आत्महत्या का राज पाश कर सके। बहरहाल, छात्रा ने आत्महत्या क्यों की, यह अभी तक पता नहीं चल सका है। पुलिस तहकीकात में जुटी हुई है। इधर, ऊषा पढ़ाई में तेज होने के साथ ही मिलनसार थी। हास्टल में रहने के दौरान उसकी अपनी सहेलियों से अच्छी बनती थी। कभी-कभी तो सभी सहेलियां साथ में ही खाना खाती थीं। एक-दूसरे से इतना घुली मिली थीं कि अचानक हुई इस घटना ने छात्रावास की सभी एमबीबीएस छात्राओं को गम के सागर में डुबो दिया है। गुरुवार को पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद मृतक की तमाम सहेली छात्राएं फफक कर रो पड़ीं। कई छात्राएं तो मौके पर ही बेहोश हो गईं, जिन्हें किसी तरह संभाला गया। मृतका की सहेली रंजना जो राजस्थान की रहने वाली है, वह ऊषा की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पा रही है, बार-बार बेहोशी आ रही है। कई छात्राएं डिप्रेशन में बताई जा रही हैं। उनका मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में इलाज भी कराया गया है।
पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद मेडिकल कालेज के छात्र |
राजस्थान के जिला चुरू के रतनगढ़ में रहने वाली ऊषा भार्गव (23) पुत्री प्रभुराम भार्गव ने बुधवार की दोपहर को मेडिकल कालेज के छात्रावास में अपने दुपट्टे से सीलिंग फैन के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस आत्महत्या की जानकारी होते ही मेडिकल कालेज प्रशासन के साथ ही छात्रावास में रहने वाली अन्य छात्राओं में दहशत फैल गई थी। छात्रा की आत्महत्या के बाद मौके पर पहुंचे अपर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्र ने जांच पड़ताल की थी, लेकिन आत्महत्या के कारणों का किसी भी दशा में पता नहीं चल सका था। गुरुवार को छात्रा के शव का दो चिकित्सकों डा. सुनील और डा. हृदयेश पटेल के पैनल ने वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मानें तो साधारण आत्महत्या का ही उल्लेख किया गया है। शरीर के अन्य हिस्सों में कहीं भी खरोच या चोट के निशान भी नहीं है। परिवार के लोग भी बेटी की आत्महत्या को लेकर कुछ नहीं बता सके हैं। इधर, पुलिस ने अब छात्रा का मोबाइल अपने कब्जे में ले लिया है। उसकी पड़ताल की जा रही है। पुलिस का दावा है कि संभव है कि मोबाइल के जरिए ही शायद कुछ सुराग लग सके। नगर कोतवाली प्रभारी मनोज शुक्ला का कहना है कि छात्रा के मोबाइल की काल डिटेल और मैसेज आदि को भी चेक किया जा रहा है, शायद कुछ जानकारी हासिल हो सके। बहरहाल कुछ भी हो, छात्रा की आत्महत्या को चौबीस घंटे से ज्यादा का समय गुजर चुका है और अभी तक आत्महत्या के कारणों की किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं हो सकी है।
पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद गमजदा मृतका के पिता व परिजन
आत्महत्या करने से पूर्व मां से की बात, हंसती रही
बांदा। एमबीबीएस छात्रा पढ़ने लिखने में बहुत ही तेज थी। खर्च आदि के लिए परिवार के द्वारा पर्याप्त धनराशि भी भेजी जा रही थी और किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं थी। छात्रा ऊषा भार्गव बुधवार को अपनी क्लास नहीं गई थी। वह अपने कमरे में ही रही। आत्महत्या करने से पूर्व उसने अपनी मां सरोज से मोबाइल के जरिए बातचीत की। बातचीत के दौरान वह बराबर हंसती रही। अपनी मां से सिर्फ इतना ही कहा कि उसे भूख नहीं लग रही है। इसके अलावा छात्रा ने ऐसी कोई बात नहीं कही, जिससे किसी भी प्रकार का शक हो। हंसते-हंसते उसने अपनी मां से बात की। सुबह मां से रोज की तरह बात करने के बाद दोपहर को छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। एमबीबीएस छात्रा जुलाई में अपने गांव से मेडिकल कालेज वापस आई थी। तकरीबन एक महीने तक छात्रा अपने गांव रतनगढ़ में रही। अपने परिजनों के साथ कई स्थानों पर धूमा फिरा। इसके साथ ही रिश्तेदारियों में भी आवागमन किया। एक माह पूर्व छात्रा के पिता ने उसे दिल्ली से ट्रेन में बैठा दिया था और वह मेडिकल कालेज आ गई थी। हमेशा की तरह वह पढ़ाई कर रही थी। किसी भी प्रकार की कोई परेशानी छात्रा को नहीं थी। पता नहीं ऐसी क्या बात है कि छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के कारण के बारे में अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका है।
छात्रा की आत्महत्या से स्तब्ध है पूरा कुनबा
बांदा। छात्रा ऊषा भार्गव की आत्महत्या ने पूरे कुनबे को स्तब्ध करके रख दिया है। किसी के मुंह से शब्द नहीं फूट रहे थे। कुछ पूछने पर परिवारीजन बस फफक कर रो रहे थे। आत्महत्या के कारणों को जानने के लिए कई बार कुरेदकर मृतका की मां सरोज या उसके पिता से पूछा गया, लेकिन कोई कुछ नहीं बता सका। मृतका के पिता ने बताया कि ऊषा दो बहनों में बड़ी थी। छोटी बहन पूनम कक्षा 9 में पढ़ती है। उसका बड़ा भाई देवेंद्र भार्गव डिप्लोमा मेडिकल लैब टेक्नीशियन की तैयारी गीतांजलि मेडिकल कालेज जयपुर से कर रहा है। ऊषा पढ़ने में होशियार थी।
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