कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति प्रो. डॉ.आनंद कुमार सिंह ने की सम्मेलन की अध्यक्षता
कानपुर, प्रदीप शर्मा - चंद्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति प्रो. डॉ.आनंद कुमार सिंह की अध्यक्षता में 11वाँ गो ग्रीन शिखर सम्मेलन अभिनव पर्यावरणीय समाधानों के लिए एक प्रमुख वैश्विक मंच के मुद्दे के साथ 13 और 14 दिसंबर को इंडोनेशिया में आयोजित हुआ। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य साझा विशेषज्ञता और सामूहिक कार्रवाई के माध्यम से भविष्य की महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं, कार्यकर्ताओं और व्यवसाओ को तैयार करना रहा। पिछले कुछ वर्षों में गो ग्रीन शिखर सम्मेलन ने एक स्थायी भविष्य के लिए योग्य समाधान विकसित करने के लिए विविध दृष्टिकोणों को बढ़ावा दिया है। कुलपति डॉ.आनंद कुमार सिंह ने इस अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करने के साथ साथ सम्मेलन में की नोट स्पीकर के रूप में भी अपनी मुख्य भूमिका का निर्वहन किया है। इसी क्रम में कृषि अभियंत्रण संकाय के अधिष्ठाता डॉ.एन.के.शर्मा ने बताया कि कुलपति की वैश्विक स्तर पर पहचान एवं उनके द्वारा विश्वविद्यालय को वैश्विक स्तर पर पहुँचाने की सोच के कारण ही कृषि विश्वविद्यालय कानपुर इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में अपनी प्रमुख भूमिका निभा सका है। उन्होंने बताया कि चंद्रशेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय कानपुर एवं इटावा परिसर पिछले विगत 6 माह में तीन अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों जैसे साउथ अफ़्रीका संगोष्ठी कृषि विश्वविद्यालय कानपुर अंतरराष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस एवं बाली इंडोनेशिया के आयोजन में अपनी प्रमुख भूमिका निभा चुका है।
विश्वविद्यालय एवं इटावा परिसर से अलग अलग विभाग के अधिक से अधिक संख्या में प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण किया गया जिसमें प्रमुख रूप से डॉ.सीमा सोनकर जो की आयोजन समिति की सदस्य भी हैं प्रज्ञा मिश्रा, बादल यादव, डॉ अरुण कुमार,डॉ आशुतोष लोहवंशी, डॉ काशफ ख़ान, डॉ ख़ुशबू गुप्ता, हर्षिता शामिल हैं। वही डॉ.शर्मा ने अपने विशेष शोध प्रस्तुतिकरण के माध्यम से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 57 प्रतिशत कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन कोयला एवं प्राकृतिक गैसों के उपयोग से बताते हुए जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के समाधान में वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को अपनाने के लिए उपलब्ध तकनीकों को और भी विकसित करने पर ज़ोर देने की बात रखी। इस ग्यारहवें गो ग्रीन सम्मेलन में दस देशों से अधिक देशों के लगभग दो सौ से ज़्यादा वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया। सम्मेलन में डॉ.वोंग लिग शिंग, मलेशिया, डॉ.रिनीरियो ई एकिगोनेरो, फ़िलीफ़ाइन्स एवं अन्य विदेशी वैज्ञानिक मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे।
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