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Thursday, December 26, 2024

हरि के अवतार पर उत्सव मनाते हैं भक्त : आचार्य नवलेश

नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, जयघोष पर झूमे श्रोता

कटरा रोड स्थित मैरिज हाल में आयोजित हो रही श्रीमद्भागवत कथा का चौथा दिन

बांदा, के एस दुबे । पृथ्‍वी के पाप, ताप और संताप का हरण करने तथा अपने भक्‍तों को आनंदित करने के लिये भगवान श्री हरि समय समय पर अवतार लेते हैं। जब प्रभु का अवतार होता है तो भक्‍तों के घर उत्‍सव मनता है। नंद बाबा के घर लाला का जन्‍म सुनते ही पूरा नगर आनंद से झूम उठा और घर घर बधाई गाई जाने लगी । ऐसा माहौल देखने देवता भी आकाश से झांकने लगते हैं। नंद घर आनंद भयौ जय कन्‍हैया लाल की जैसे भजन पर श्रोताओं ने जमकर थिरकन किया और पूरा पंडाल मानों जशोदा के लाल पर अपना सब कुछ न्‍यौछावर करने पर उतावला था। यह दृश्‍य था बांदा के मंगलम मैरिज गार्डन में चल रही भागवत क्‍था के चौथे दिवस की । कथा वाचक चित्रकूट धाम के श्रीनवलेश दीक्षित जी भागवतरत्‍न हैं। महाराज श्री ने जैसे ही लाला के जन्‍म की कथा सुनाई पूरा पंडाल जय नंदलाल के उदघोष से भर गया । कथा प्रसंग के दौरान एक उदाहरण के समय महाराज श्री ने कहा कि गृहस्‍थ को चाहिए कि घर में मंदिर शिखर वाला न रखें और मूर्ति छोटी ही रखें। संभव हो तो लडडू गोपाल की रखें जिनकी पूजा और उपासन सरल होती है।

कटरा रोड स्थित मैरिज हाल में मौजूद श्रोतागण।

श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिवस भगवान श्री कृण्‍ण के जन्‍म की महिमा का वृतांत महाराज श्री ने कही। इसके साथ ही प्रसिद कथावाचक आचार्य नवलेश जी महाराज ने श्रोताओं को समझााते हुए बताया कि जन्‍म जन्‍मांतर , कल्‍प कल्‍पांतर , युगयुगांतर के वरदानों को सत्‍य करने के लिये लीला पुरूषोत्‍तम भगवान श्रीकृष्ण अवतार लेते हैं। भगवान के अवतार की कथा प्रसंग में ही आचार्य जी ने कर्मावाई की खिचडी वाली कथा महत्‍व को श्रोताओं को समझाया । यह प्रसंग ऐसा था कि श्रोता मंत्रमुग्‍ध हो गए और भाव में डूब गये। महाराज श्री ने कहा कि जब गृहस्‍थ के जीवन में धर्मयुक्‍त आचरण मर्यादा और आदर्श पूरी तरह से भर जाता है तब जीव या गृहस्‍थ श्री कथा श्रवण करने का अधिकारी हो जाता है। इसलिये हम सभी को चाहिये कि अपने गृहस्‍थ जीवन में बडी सावधानी पूर्वक रहकर अपने गृहस्‍थ धर्म का पालन करना चाहिये। एक बात याद रखने लायक है कि भगवान जब भी अवतार लेते हैं तो
श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के दौरान कथा बखान करते आचार्य नवलेश महाराज।

वह घर गृहस्‍थ का ही होता है । इसलिये गृहस्‍थ जीवन बडी जिम्‍मेदारी का जीवन है। इसे साधारण नहीं समझना चाहिये । यह जीवन भगवान का दिया हुआ एक अवसर है । यदि आप उन अवसरों को ठीक ढंग से निभाते हैं तो आपके घर भी श्री हरि का अवतार संभव है। ज्ञात हो कि बामदेव रिषी की तपोभूमि पर कटरा रोड स्थित मैरिज हाल में श्रीमद भागवत कथा सप्‍ताह ज्ञान यज्ञ के चौथे दिवस भव्‍य रूप भगवान का जन्‍मोत्‍सव मनाया गया। यह कथा के मुख्‍य यजमान रामदास शर्मा और मेवाराम शर्मा जिनके पुत्र और पुत्रवधु श्रीमान जीतेंद्र शर्मा और सहधर्मिणी अंकिता शर्मा ने आयोजित किया है। भगवान की मनोहर झांकी का दर्शन भी श्रोताओं ने किया । बता दें कि कथा में संगीत के संगतकार राघवेंद्र जी और विनोद की जुगलबंदी बेहतरीन है। कथा के आखिर में भगवान की मंगल आरती और प्रसाद वितरण किया गया।


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