मौसम करवट ले रहा बढ़ी धरा में सर्द, सावधान हो जाइए बढ़ेगा वरना दर्द - Amja Bharat

Amja Bharat

All Media and Journalist Association

Breaking

Sunday, January 5, 2025

मौसम करवट ले रहा बढ़ी धरा में सर्द, सावधान हो जाइए बढ़ेगा वरना दर्द

शैलेन्द्र साहित्य सरोवर की 366 वीं साप्ताहिक रविवासरीय काव्य गोष्ठी संपन्न 

फतेहपुर, मो. शमशाद । शहर के मुराइन टोला स्थित हनुमान मंदिर में शैलेन्द्र साहित्य सरोवर के बैनर तले 366 वीं साप्ताहिक रविवासरीय सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन केपी सिंह कछवाह की अध्यक्षता एवं शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी के संचालन में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में मंदिर के महंत स्वामी रामदास उपस्थित रहे। काव्य गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए केपी सिंह कछवाह ने वाणी वंदना मे अपने भाव प्रसून प्रस्तुत करते हुए कहा- मातु सरस्वती आइए, हरें जगत अज्ञान। कविता में रस-छंद का, दें हमको वरदान।। कार्यक्रम को गति देते हुए कविता पढ़ा- मौसम करवट ले रहा, बढ़ी धरा में सर्द। सावधान हो जाइए, बढ़ेगा वरना दर्द।। डा. सत्य नारायण मिश्र ने अपने भावों को एक छंद के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किया- प्रेम जगत का सार है, मिलिए सबसे धाय। मत काहू से वैर कर, तजहु चित्त कुटिलाय।। दिनेश कुमार श्रीवास्तव ने अपने भावों को मुक्तक में कुछ इस प्रकार पिरोया- पौराणिक पावन परम, तट प्रयाग प्रारंभ। अर्जित अक्षय पुण्य हित, चलो चलें सब कुंभ।। प्रदीप कुमार गौड़ ने अपने

काव्य गोष्ठी में भाग लेते कवि एवं साहित्यकार।

क्रम में काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार भाव प्रस्तुत किये- अनुभव करो तभी लगती है, शर्म और सर्दी भाई लेकिन वृद्धों को आवश्यक, मस्त चाय औ गर्म रजाई।। विनय कुमार दीक्षित ने काव्यपाठ में अपने भावों को कुछ इस प्रकार से शब्द दिए- मिलकर कदम बढ़ाना होगा, सबको आगे आना होगा। भारत माता की रक्षा में, जीवन सफल बनाना होगा।। काव्य गोष्ठी के आयोजक एवं संचालक शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी ने अपने भाव एक गीत के माध्यम से कुछ यों व्यक्त किये- खिलें आशाओं के जलजात, कामनाएं हों सारी पूर्ण। उषा का मृदुल नवल आलोक, करें दुख के तम का मद चूर्ण।। नित्य नूतन आनंद प्रकर्ष। सभी को शुभ हो यह नव वर्ष।। कार्यक्रम के अंत में स्वामी जी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया। आयोजक ने आभार व्यक्त किया।


No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages