चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । तहसील राजापुर में एक अधिवक्ता के साथ हुए दुर्व्यवहार व मुकदमा दर्ज न होने के खिलाफ अधिवक्ताओं में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला। कचहरी परिसर में एक आपात बैठक की गई, जिसमें अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर प्रशासन की कार्यशैली की कड़ी निंदा की व अनशनरत वकीलों को समर्थन दिया। बैठक में एडवोकेट काउंसिल ऑफ इंडिया के जिला प्रभारी रामप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि अधिवक्ता की प्राथमिकी तत्काल दर्ज होनी चाहिए। उन्होंने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए चेतावनी दी कि यदि जल्द न्याय नहीं मिला, तो अधिवक्ताओं को उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद मिश्रा ने कहा कि वकीलों के साथ अन्याय किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी अधिवक्ताओं से एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया। अधिवक्ता जितेंद्र उपाध्याय ने प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराजगी जताते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ तुरंत
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आपात बैठक में साथ खडे अधिवक्ता |
मुकदमा दर्ज किया जाए, अन्यथा विरोध तेज होगा। अधिवक्ता अनिल त्रिपाठी ने भी पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर चिंता व्यक्त की व कहा कि पुलिस को दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। अधिवक्ता कुंवर रोहित सिंह ने कहा कि यदि जल्द ही पीड़ित अधिवक्ता को न्याय नहीं मिला, तो वकीलों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा व उच्च स्तर पर कार्रवाई की मांग करेगा। आपात बैठक में आधा सैकड़ा से अधिक अधिवक्ताओं की उपस्थिति रही, जिनमें देवशरण मिश्रा, सुरेंद्र पयासी, अरुण टाइगर, कुशल पाण्डेय, लक्ष्मण त्रिपाठी, विकास निगम, रामआसरे विश्वकर्मा, ओंकार त्रिपाठी, अनूप सिंह, केके मिश्रा, मनमोहन चतुर्वेदी, अनूप कुमार, राम सिंह, अजीत मिश्रा, अखिलेश त्रिपाठी, नरेंद्र सिंह लल्ला सहित कई प्रमुख अधिवक्ता शामिल रहे।
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