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Sunday, March 23, 2025

श्रीराम कथा में केवट व भरत मिलाप प्रसंग का हुख्बखान

भरत मिलाप की कथा सुनकर नम हो गईं श्रोताओं की आंखें

बांदा, के एस दुबे । श्री राम कथा के छठे दिन कथा व्यास श्री राजन महाराज जी ने केवट प्रसंग व भरत मिलाप का अत्यंत मार्मिक वर्णन किया। राजन महाराज जी ने बताया कि प्रबल प्रेम के पाले पड़कर प्रभु को नियम बदलते देखा। भगवान केवट के समीप आए। गंगाजी का किनारा भक्ति का घाट है और केवट भगवान का परम भक्त है, किंतु वह अपनी भक्ति का प्रदर्शन नहीं करना चाहता था। अत: वह भगवान से अटपटी वाणी का प्रयोग करता है। केवट ने हठ किया कि आप अपने चरण धुलवाने के लिए मुझे आदेश दे दीजिए, तो मैं आपको पार कर दूंगा केवट

कथा बखान करते कथावाचक राजन महाराज

ने भगवान से धन-दौलत, पद ऐश्वर्य, कोठी-खजाना नहीं मांगा। उसने भगवान से उनके चरणों का प्रक्षालन मांगा। केवट की नाव से गंगा पार करके भगवान ने केवट को उतराई देने का विचार किया। सीता जी ने अर्धागिनी स्वरूप को सार्थक करते हुए भगवान की मन की बात समझकर अपनी कर-मुद्रिका उतारकर उन्हें दे दी। भगवान ने उसे केवट को देने का प्रयास किया, किंतु केवट ने उसे न लेते हुए भगवान के चरणों को पकड़ लिया। जो देवताओं के लिए भी दुर्लभ है, ऐसे भगवान के श्रीचरणों की सेवा से केवट धन्य हो गया। भगवान ने उसके निस्वार्थ प्रेम को देखकर उसे दिव्य भक्ति का वरदान दिया तथा उसकी समस्त इच्छाओं को पूर्ण किया। इस मौके पर आयोजक
मौजूद श्रोतागण।

अजीत गुप्ता भाजपा ,,नरेश शुक्ला , संजय कोनिया ,धीरेन्द्र आशीष ,कमलेश अमित उपेंद्र गुप्ता, रेखा गुप्ता, प्रीति ,मोना , सुनील श्रीचंद गुप्ता पुरूषोत्तम अशोक गुप्ता दयाराम निषाद, दिनेश निरंजन, राजेश सिंह राज शिवम सिंह अजय ओमर, पुष्पेन्द्र सिंह अजय गुप्ता अंकित गुप्ता सूरज, अंशु आदि मौजूद रहे।


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