जेडी वैंस का कडा विरोध
भारतीय किसानो का होगा नुकसान
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । अमेरिका व भारत के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश किसान सभा चित्रकूट ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम एक ज्ञापन सौंपकर विरोध की हुंकार भरी है। चित्रकूट के खेत-खलिहानों से उठी यह आवाज न केवल स्थानीय किसानों की पीड़ा है, बल्कि देश के करोड़ों अन्नदाताओं की चेतावनी भी है- भारत बिकाऊ नहीं है। किसान सभा के अध्यक्ष चुनकू रामपाल एडवोकेट व महामंत्री राजाराम के नेतृत्व में सौंपे गए इस ज्ञापन में केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ज्ञापन में कहा कि प्रधानमंत्री अमेरिकी दबाव में घुटने टेक चुके हैं और यह प्रस्तावित समझौता भारत के पशुपालक किसानों और कृषि उत्पादकों के लिए आर्थिक तबाही लेकर आएगा। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी बैंस की भारत यात्रा को किसान
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| जोरदार विरोध प्रदर्शन करते किसान सभा के कार्यकर्ता |
सभा ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए रास्ता खोलने की रणनीति करार दिया है। ज्ञापन में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि अमेरिकी गेहूं, दूध, सोयाबीन, मक्का और सेब जैसी वस्तुओं का भारतीय बाजार में डंपिंग होती है तो इससे देश का ग्रामीण कृषि तंत्र पूरी तरह चरमरा जाएगा। खासतौर पर तब, जब भारत का किसान खुद लाभकारी एमएसपी और कानूनी गारंटी के लिए सड़कों पर संघर्ष कर रहा है। किसान सभा ने इस संधि को अमेरिकी साम्राज्यवाद की नाकाम साजिश बताते हुए विरोध स्वरूप जेडी बैस वापस जाओ- भारत बिकाऊ नहीं है का नारा बुलंद किया और राष्ट्रपति से इस समझौते को रोकने की मांग की।


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