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Tuesday, April 8, 2025

सफलता के लिए पुरुषार्थ और प्रारब्ध दोनों का महत्व : आचार्य अभिषेक

बांदा, के एस दुबे । बांदा-चित्रकूट मार्ग के पेट्रोलपम्प में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा दूसरे दिन मंगलवार को आचार्य अभिषेक शुक्ल ने कहा कि शास्त्रों में पुरुषार्थ को क्षेत्र तथा प्रारब्ध को बीज कहा गया है। क्षेत्र-बीज के संयोग से ही अनाज समृद्ध होता है। संसार में सफलता प्राप्ति के लिए पुरुषार्थ तथा प्रारब्ध दोनों का महत्त्व है। प्रबल पुरुषार्थ करें, भगवान से प्रार्थना करें और कार्यसिद्धि की प्रतीक्षा करें। बताया कि यह श्रीमद्भागवत महापुराण वैष्णवों को अत्यन्त प्रिय है। इस ग्रंथ में संन्यासियों द्वारा अनुभव किया गया श्रेष्ठ ज्ञान गाया गया है। इसमें ज्ञान-विराग-भक्ति सहित नैष्कर्म्य

श्रीमद् भागवत कथा का बखान करते कथावाचक अभिषेक शुक्ल।

को प्रकट किया गया है। भक्ति सहित इसका श्रवण,पठन, चिन्तन करनेवाला मनुष्य मुक्त हो जाता है। भगवान की कथा कलियुग में कामनाओं को पूर्ण करने वाली गाय है। भारत में धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक व आरोग्य की दृष्टि से गाय का सर्वोपरि महत्व सुविदित है,जिस प्रकार सम्मानित व सुसेवित गाय सम्पूर्ण अभिलाषाओं को परिपूर्ण करती है, उसी प्रकार भगवत्कथा मनुष्य की सम्पूर्ण कामनाओं को पूर्णता प्रदान करती है। इस अवसर पर आयोजक राजेश शुक्ल, विनोद जैन, शैलेन्द्र द्विवेदी, उमेश, प्रेमस्वरूप आदि उपस्थित रहे।


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