गैंग चढ़ा पुलिस के हत्थे, 44 लाख की चोरी
इनोवा-अर्टिगा में भेड़-बकरी, पर्दाफाश
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । बकरी और भेड़ों की चोरी को अक्सर गांव-कस्बों में हल्के में लिया जाता है, लेकिन चित्रकूट पुलिस की हालिया कार्रवाई ने साबित कर दिया कि यह कोई मामूली चोरी नहीं, बल्कि एक संगठित पशु चोरी सिंडिकेट है। 14 अप्रैल की रात करीब 11ः45 बजे रैपुरा थाना पुलिस व एसओजी-सर्विलांस टीम की संयुक्त कार्रवाई में इस चरवाहा गैंग का पर्दाफाश हुआ। अरवारा रोड के एक पुराने गिट्टी प्लांट के पास तीन महंगी गाड़ियां-इनोवा क्रिस्टा, अर्टिगा और बोलेरो-खड़ी मिलीं, जिनमें बकरियां व भेड़ें लादी गई थीं। पुलिस ने मौके से 31 बकरियां, 11 भेड़ें, एक अदद नाली बंदूक, चार जिंदा कारतूस और करीब 2640 रूपए नकद के साथ 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि दो अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। गिरफ्तार अभियुक्तों में प्रयागराज व
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| प्रेस वार्ता में बाइट देते एएसपी |
चित्रकूट के रहने वाले मनोज कुमार, चानस खां, प्रमोद सिंह, मो. तालिब, रज्जन और शब्बीर शामिल हैं। पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए-गैंग ने पहाड़ी, भरतकूप और रैपुरा क्षेत्रों से कई बार पशु चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया और उन्हें छिपाकर पशु मंडियों में ऊंचे दामों पर बेच दिया जाता था। इनोवा और अर्टिगा जैसी गाड़ियों का इस्तेमाल कर यह सिंडिकेट चोरी को संगठित पेशे की तरह अंजाम देता रहा। चानस खां के पास से बरामद बंदूक और कारतूस ने मामले को और गंभीर बना दिया है। पुलिस ने तीनों गाड़ियों को एमवी एक्ट के तहत सीज कर दिया है और संबंधित थानों में पहले से दर्ज चोरी के मामलों में इन गिरफ्तारियों को जोड़ते हुए उचित
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| सामान समेत गिरफत में आरोपी |
धाराआंे में केस दर्ज किया गया है। फरार आरोपियों बाबा और काऊ की तलाश में पुलिस की टीमें छापेमारी कर रही हैं। एसपी अरुण कुमार सिंह, एएसपी चक्रपाणि त्रिपाठी व सीओ जयकरण सिंह की अगुवाई में की गई इस पेशेवर कार्रवाई ने चरवाहा सिंडिकेट की जड़ों को हिला दिया है। यह केवल चोरी का खुलासा नहीं था, बल्कि एक पूरे अपराध नेटवर्क को ध्वस्त करने वाली रणनीतिक सफलता है।



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