कागजों में रफ्तार, जमीन पर रुकावट
बिजली के खंभे व जमीन विवाद बने रोड़ा
डीएम ने दी चेतावनी, विभागों में तकरार
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । देवांगना घाटी से लेकर पटेल तिराहा तक बन रही फोरलेन सड़क परियोजना का जिलाधिकारी पुलकित गर्ग ने गुरुवार को निरीक्षण किया। यह निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग के तहत कराया जा रहा है, जिसकी कुल लागत 13907.64 लाख रुपये तय की गई है। विभाग के अनुसार अब तक लगभग 9357 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं, जबकि 7.6 किलोमीटर लंबी इस परियोजना को 31 जुलाई 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। निरीक्षण में जिलाधिकारी ने विभाग को निर्देश दिया कि कार्य की दैनिक प्रगति का बार चार्ट तैयार किया जाए और मैनपावर बढ़ाकर समय से कार्य पूरा किया जाए। उन्होंने बॉर्डर पर क्षतिग्रस्त ओवरहेड बोर्ड की मरम्मत कराने के निर्देश भी दिए। शहरी क्षेत्र में जारी कार्यों का निरीक्षण करते हुए उन्होंने कहा कि सड़क किनारे बनी
![]() |
| फोरलेन परियोजना की जांच को मौके पर मौजूद डीएम |
नालियों को कवर्ड कर 1.5 से 2 मीटर चौड़े फुटपाथ के साथ समायोजित किया जाए और उसकी डिजाइन-ड्रॉइंग प्रस्तुत की जाए। हालांकि निरीक्षण में कई तकनीकी रुकावटें भी सामने आईं। अधिशासी अभियंता ने बताया कि सड़क के बीचोंबीच आ रहे विद्युत पोलों की शिफ्टिंग अब तक नहीं हुई, जबकि धनराशि पहले ही जमा है। वहीं कुछ भूस्वामियों द्वारा सर्किल रेट कम होने के कारण भूमि देने से इनकार की जानकारी भी दी गई। इस पर जिलाधिकारी ने सर्किल रेट दोबारा जांचने और नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए। लगभग आधा बजट खर्च होने के बावजूद परियोजना की धीमी रफ्तार और विभागीय तालमेल की कमी ने सवाल खड़े कर दिए हैं- क्या चित्रकूट की फोरलेन सड़क तय समय पर पूरी हो पाएगी या ये भी कागजी रफ्तार का एक और उदाहरण बनकर रह जाएगी?
.jpeg)

No comments:
Post a Comment