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Sunday, December 21, 2025

सुबह कोहरे का अंधाकुप्प, पूरा दिन धूप न खिलने से बढ़ी गलन

तापमापी पारे की सुई 18 डिग्री सेल्सियस अधिकतम पर पहुंची, न्यूनतम तापमान नौ डिग्री पहुंचा

कोहरे के चलते सड़क के साथ ही रेल यातायात भी हो रहा बाधित, परेशान हो रहे यात्री

बांदा, के एस दुबे । कोहरे की धुंध ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। आधी रात के बाद आसमान ने कोहरे को अपनी आगोश में ले लिया। कोहरे की धुंध की वजह से सड़क और रेल यातायात भी बाधित हो गया। रेल यातायात प्रभावित होने की वजह से ट्रेनें चार-चार घंटे की देरी से चल रही हैं। जबकि रोडवेज बसों का संचालन भी विलंब से हो रहा है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कोहरे की धुंध की वजह से रेल यातायात प्रभावित हो रहा है। इधर, तापमापी पारे की सुई अधिकतम 18 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तक पहुंच गई है। जबकि न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस पर स्थिर है। ठंड के मौसम में कोहरा कब आ जाए, किसी को पता नहीं। शुक्रवार की रात को पूरी तरह से आसमान साफ रहा। लेकिन तड़के अचानक कोहरे की धुंध ने आसमान को अपनी आगोश में ले लिया। सुबह करीब 11 बजे तक आसमान पर कोहरे की धुंध छाई रही, इसके बाद गुनगुनी धूप खिलने से कोहरा काफूर हो


गया। कोहरे की धुंध की वजह से रेल और सड़क यातायात भी प्रभावित हो रहा है। कई ट्रेनें जहां विलंब से चल रही हैं, वहीं रोडवेज बसों के साथ ही अन्य प्राइवेट वाहन भी लाइट जलाकर रेंगते हुए नजर आए। तापमापी पारे की सुई भी न्यूनतम नौ और अधिकतम 19 डिग्री पर टिकी हुई है। मौसम का मिजाज बदलता जा रहा है। दिन में गुनगुनी धूप खिलने के बाद शाम होते ही ठंड का असर लोगों को महसूस हुआ। कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिनेश शाहा ने कहा कि कुछ ही दिनों में कड़ाके की शीतलहरी होगी। उन्होंने कहा कि पछुवा हवाओं ने ठंड में इजाफा करना शुरू कर दिया है। अचानक कोहरे की धुंध आसमान पर छा जाने की वजह से और हवाओं के झोकों की वजह से मौसम ठंडा हो रहा है। तापमापी पारे की सुई न्यूनतम 9 डिग्री और अधिकतम 19 डिग्री के इर्द-गिर्द घूम रही है। ठंड से अपना बचाव करने के लिए लोग जहां गर्म कपड़ों का इस्तेमाल कर रहे हैं, वहीं आग जलाकर बदन सेंकते नजर आ रहे हैं। पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के साथ ही ठंडी हवाओं के झोंकों की वजह से कोहरे ने पिछले दो दिनों से दस्तक दे दी है। शुक्रवार की शाम होते ही आसमान पर कोहरे की धुंध का असर नजर आ रहा था। इसके साथ ही आधी रात को पूरी तरह से कोहरे ने सब कुछ अपनी आगोश में ले लिया। कोहरे की धुंध की वजह से 10 मीटर की दूरी पर रखी वस्तु नजर नहीं आ रही थी। हालांकि भीषण शीतलहरी के साथ ही ठंड से बचाव के लिए प्रशासन की ओर से एडवाइजरी जारी की जा चुकी है। कृषि विभाग ने भी किसानों को शीतलहरी के दौरान फसलों को बचाने के लिए उपाय बताए हैं। दिसंबर माह के दूसरे पखवारे में कड़ाके की ठंड पड़ने का दावा मौसम वैज्ञानिक कर रहे हैं। उनका कहना है कि जबरदस्त शीतलहरी का प्रकोप बढ़ेगा, इसके लिए लोग तैयार रहें। दिसंबर माह के दूसरे पखवारे में मौसम का मिजाज बदलता जा रहा है। कोहरे की धुंध ने भी दस्तक दे दी है। दिसंबर माह के पहले पखवारे में ही कोहरे की धुंध ने आसमान को आगोश में लेना शुरू किया तो यातायात व्यवस्था भी बदहाल हो गई। सड़क पर जहां वाहन बिजली जलाकर रेंगते नजर आए, वहीं ट्रेनों के आवागमन में भी कोहरे की धुंध का असर स्पष्ट नजर आ रहा है। महाकौशल एक्स्रपेस, संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के अलावा आंबेडकर नगर एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनें चार-चार घंटे की देरी से चल रही हैं। कोहरे की धुंध की वजह से चालक को ट्रेन अपने स्वविवेक के मुताबिक पटरी पर दौड़ाने की हिदायत रेलवे उच्चाधिकारियों ने दी है। इधर, बाल्य रोग विशेष डॉ. आरके गुप्ता और डॉ. विनीत सचान ने कहा कि ठंड के मौसम में खुद तो संभलकर रहें, साथ ही बच्चों का विशेष ख्याल रखें। उन्होंने कहा कि बच्चों को गर्म कपडे़ पहनाएं। इसके साथ ही धूप होने पर ही उनको नहलाया जाए। चिकित्सकों का कहना है कि बच्चों के प्रति की जाने वाली लापरवाही घातक साबित हो सकती है। वृद्धजनों की देखरेख भी बहुत आवश्यक है। चिकित्सक ने कहा कि ठंड के मौसम में शीतल पेय का इस्तेमाल कतई न करें। बच्चों की देखरेख में लापरवाही न करें।

इनसेट वायु गुणवत्ता में नहीं हो रहा सुधार

बांदा। पर्यावरण संरक्षण के नाम पर की जा रही खानापूरी की वजह से वायु गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। दिल्ली महानगर जैसे हालात बनते जा रहे हैं। वर्तमान में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 253 दर्ज किया गया है, जो बहुत ही खराब है। पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देने की जरूरत है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो आगामी दिनों में वायु गुणवत्ता और भी खराब हो सकती है। कोई बड़ा औद्योगिक क्षेत्र न होने के बावजूद भी एक्यूआई का इतना बढ़ा हुआ स्तर यह दर्शाता है कि स्थानीय स्तर पर कचरा जलाना, वाहनों का अत्यधिक उपयोग, और वृक्षों की कमी ही वायु प्रदूषण मुख्य कारण हैं। पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान न दिया गया तो वायु गुणवत्ता और भी खराब हो सकती है।

 

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