विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल कर ठगने का काम कर रहे साइबर अपराधी, सावधान रहें
मेडिकल कॉलेज में आयोजित हुई साइबर जागरूकता कार्यशाला, अफसर भी जुटे
बांदा, के एस दुबे । रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में पुलिस प्रशासन की ओर से शुक्रवार को साइबर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रोक्षागृह में आयोजित कार्यशाला में मौजूद रहे लोगों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया गया और बचाव के तरीके भी बताए गए। कहा गया कि ओटीपी किसी भी दशा में साझा न करें। कहा कि साइबर अपराधी विभिन्न तरीकों से फंसाकर लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं, इसलिए सावधान रहने की आवश्यकता है।
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| कार्यशाला में मौजूद पुलिस कर्मी व अन्य |
कार्यशाला में अपर पुलिस महानिदेशक, प्रयागराज जोन डॉ. संजीव गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ पुलिस उप महानिरीक्षक, चित्रकूट धाम परिक्षेत्र राजेश एस., पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल, पुलिस अधीक्षक महोबा प्रबल प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक हमीरपुर दीक्षा शर्मा व पुलिस अधीक्षक चित्रकूट अरुण कुमार सिंह की विशिष्ट व गरिमामयी उपस्थिति रही । सभी अतिथियों का आगमन कार्यक्रम की महत्ता व गंभीरता को दर्शाता है । इस अवसर पर चित्रकूटधाम रेंज के समस्त जनपद तथा उनकी साइबर सेल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े। साथ ही जनपद के सभी थानों को भी इस कार्यशाला से वर्चुअल माध्यम से जोड़ा गया, जिससे समस्त पुलिस कर्मियों को एक साथ प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन प्राप्त हुआ । रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज स्थित प्रेक्षागृह में में साइबर जागरूकता अभियान में जनपद के विभिन्न कॉलेजों से आये शिक्षकगण, छात्र-
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| संबोधित करते हुए अतिथि। |
छात्रायें एवं प्राचार्यगण द्वारा साइबर जागरूकता में प्रतिभाग किया गया। साइबर जागरूकता अभियान में जनपद बांदा के भाजपा जिलाध्यक्ष कल्लू राजपूत व नगर पालिका अध्यक्ष मालती बासु गुप्ता व उद्योग व्यापार मण्डल के पदाधिकारी और सदस्यगण द्वारा भी साइबर जागरूकता के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गई। पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा द्वारा वर्चुअल संबोधन के माध्यम से आयोजित साइबर कार्यशाला में साइबर सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए ऑनलाइन ठगी, फर्जी कॉल/लिंक, सोशल मीडिया व बैंकिंग/यूपीआई फ्रॉड जैसे साइबर अपराधों के बारे में जानकारी दी गई साथ ही साइबर अपराधों से बचाव के लिए ओटीपी/पिन साझा न करने, संदिग्ध कॉल-मैसेज से सतर्क रहने तथा मजबूत पासवर्ड व टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के उपयोग की जानकारी दी गई। साइबर अपराध होने पर तत्काल 1930 हेल्पलाइन नंबर अथवा वेबसाइड पर शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी गई । पुलिस महानिदेशक द्वारा स्पष्ट किया कि डिजिटल ट्रांजैक्शन की बढ़ती मात्रा के कारण साइबर अपराधों की संख्या में वृद्धि हुई है। साइबर अपराधों की यह विशेषता है कि इनमें अपराधी शारीरिक रूप से सामने नहीं होता। उन्होंने बताया कि अधिकांश साइबर अपराध चार प्रमुख कारणों से होते हैं, इनमें लालच, लापरवाही, लत तथा भय (डिजिटल अरेस्ट), लालच- लालच को साइबर अपराध का प्रमुख कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि अत्यधिक एवं सुनिश्चित लाभ का दावा करने वाली किसी भी योजना को संदिग्ध मानना चाहिए। कोई भी वैध वित्तीय प्रणाली अल्प समय में धन को दोगुना करने का आश्वासन नहीं देती। बैंक एफडी एवं शेयर बाजार जैसे वैध निवेश माध्यमों में भी रिटर्न जोखिम से जुड़ा होता है । लापरवाही के विषय में उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी अब अत्यंत परिष्कृत तरीकों से आमजन को भ्रमित करते हैं और अनजाने में ओटीपी अथवा संवेदनशील जानकारी साझा करवा लेते हैं। उन्होंने इस संदर्भ में सतर्कता एवं जागरूकता को सबसे प्रभावी बचाव बताया।ऑनलाइन गेमिंग की लत पर चिंता व्यक्त करते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा कि धन आधारित ऑनलाइन गेमिंग कई बार गंभीर अपराधों, आत्महत्या तथा पारिवारिक त्रासदियों का कारण बनती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑनलाइन गेमिंग का उद्देश्य खिलाड़ियों को लाभ पहुँचाना नहीं, बल्कि उसे विकसित करने वाली संस्थाओं को आर्थिक लाभ पहुँचाना होता है।(डिजिटल अरेस्ट)- डिजिटल अरेस्ट के विषय में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत में कोई भी कानून प्रवर्तन एजेंसी, न्यायालय अथवा विभाग वीडियो कॉल अथवा ऑनलाइन माध्यम से गिरफ्तारी या जुर्माने की मांग नहीं करता । इस प्रकार के मामलों में प्रायः पढ़े-लिखे एवं अनुभवी लोग भी भय के कारण ठगी का शिकार हो जाते हैं । अपर पुलिस महानिदेशक डॉ. संजीव गुप्ता ने नए स्कैम्स से सतर्क रहने जिसमें (व्हाट्सएप के माध्यम से वीडियो कॉल कर सामने वाले का फेस यूज कर न्यूड वीडियो बनाकर उसके भेज देना एवं रूपयों के लिए ब्लैकमेल करना तथा पुलिस अधिकारी बनकर वीडियो कॉल पर “गिरफ्तारी”, मनी लॉन्ड्रिंग या जांच की धमकी देना) , साइबर हिंसा, म्यूल एकाउंट आदि के विस्तृत जानकारी दी गयी । साथ ही सभी व्यापारी बन्धुओं, छात्र-छात्राओं, आमजन, युवाओं से अपील की गई कि इस प्रकार के प्रलोभन /झाँसे में न आएँ अन्यथा आपके साथ साइबर फ्रॉड हो सकता है। साइबर एक्सपर्ट, रक्षित टण्डन ने तमाम जानकारियां दीं। अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज द्वारा साइबर अपराधों से संबंधित नवीन कानूनों एवं साइबर लॉ के विभिन्न प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।पुलिस अधीक्षक ने उपस्थित अधिकारियों, ऑनलाइन जुड़े प्रतिभागियों एवं संबंधित इकाइयों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के सहायक पुलिस अधिक्षक मेविस टॉक, पुलिस उपाधीक्षक साइबर सौरभ सिंह, पुलिस उपाधीक्षक प्रतिज्ञा सिंह, पुलिस उपाधीक्षक साइबर महोबा रविकान्त सिंह, प्रतिसार निरीक्षक बेलाश यादव सहित अधिकारी/कर्मचारीगण मौजूद रहे ।



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