प्रसिद्ध नरेश
सेवा, सुरक्षा और भाईचारा के आदर्श वाक्य को आत्मसात किये हुए सभी भारत माँ के वीर बेटे व बेटियों को सशस्त्र सीमा बल के स्थापना दिवस की हार्दिक शुभेच्छा
भारत माँ की बेटियां सभी दिशाओं में अपनी भारत माता व अपने परिवार का नाम पूरे देश और विश्व में रोशन कर रही है। लेकिन ये बात अभी भी विकृत मानसिकता वाले व्यक्तियों को पसंद नहीं आ रही है।
भारत के प्रति द्वेष रखने वाले लोग तो भारत की प्रगति से व्याकुल हैं ही किंतु स्त्री सशक्तिकरण और नारी को विशेष अवसर प्रदान होने से व्याकुल लोगों की छटपटाहट देखने लायक है।हम इनका कर भी क्या सकते हैं ? प्रभु श्री राम से विनती है की सभी को सद्-बुद्धि प्रदान करें ।
विदित हो कि समाजवादी पुरोधा डॉ राम मनोहर लोहिया ने नारी को ही पिछड़ा वर्ग बताते हुए उनकी स्थिति में सुधार के लिए विशेष अवसर देने की बात कही थी ।वे सामाजिक जीवन पर प्रभाव रखने वाले लोगों को राजनीति में लाने के प्रबल पैरोकार थे।
मेरी दृष्टि में हमारे यशश्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी डॉ लोहिया के सिद्धांतों और विचारों के सच्चे अनुपालक हैं।
सुश्री मैथिली ठाकुर भारत की सबसे युवा विधायक बन चुकी है। जिसकी उन्हें सभी देशवासियों व उनके प्रति प्रेम रखने वालो की तरफ से बधाई भी प्राप्त हो चुकी है। आज की बात करें तो सुश्री मैथिली अपने अलीनगर परिवार के साथ अपार उत्साह और उमंग के साथ बाबा बिदेश्वर स्थान से क्षेत्र भ्रमण की शुरुआत हुई इसके बाद अवाम दुर्गा स्थान, पोखरभिंडा में लोगों से मिली और युवाओं/ आम जन की समस्याओं को सुना । सुश्री मैथिली ने कहा कि जल्द ही उस पर काम शुरू किया जाएगा ।
सुश्री मैथिली ठाकुर के अपने अलीनगर परिवार के साथ भ्रमण के दौरान कार्यकर्ताओ में भी बहुत उत्साह देखने को मिला। और हो भी क्यों न .....
मुझे मैथिली दीदी का गीत-संगीत तो पसंद है ही किंतु वर्तमान समय में जो सभी युवक/ युवतियों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए वो है - " तत्काल निर्णय लेने की क्षमता" । राजनीति में इस भाँति आना वो भी जब गीत-संगीत की दुनिया में ऐसी प्रतिष्ठा हो..... अद्भुत है

सुश्री मैथिली के भाजपा से चुनाव लड़ने की घोषणा होते ही स्त्री विरोधी व युवा नेतृत्व विरोधी मानसिकता के लोग बिलबिलाने लगे। उनके ये बर्दास्त के बाहर था कि कैसे एक सामान्य घर की लड़की ऐसे निर्णय ले रही है, वो भी बिहार जहाँ पर फैले जातीय विद्वेष का शिकार सुश्री मैथिली का परिवार भुगत चुका है।
सुश्री मैथिली अपने गृह प्रवेश के दौरान कहती हैं-
"जंगलराज के उस दौर में डर, असुरक्षा और मजबूरी ने हमारे जैसे न जाने कितने परिवारों को बिहार छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
उन परिवारों में मेरा परिवार भी था… मेरे पिताजी भी थे।
आज वही बिहार मुझे पुकार रहा है।
यह केवल राजनीति नहीं, यह मेरे जीवन की वापसी है।
भारतीय जनता पार्टी ने मुझे स्नेह दिया, सम्मान दिया, भरोसा दिया।
अलीनगर की जनता ने मुझे बेटी समझकर, परिवार मानकर अपना प्रतिनिधि चुना।
जिस विश्वास से आपने मुझे विधायक बनाया है, उस विश्वास को निभाने के लिए मैंने दिल्ली छोड़ दिया और हमेशा के लिए बिहार को चुन लिया है।
आज अपने सरकारी आवास के गृह प्रवेश के अवसर पर
आँखें नम हैं, मन कृतज्ञता से भरा है,
और दिल सिर्फ एक ही संकल्प दोहरा रहा है —
आपका भरोसा कभी टूटने नहीं दूँगी।
आदरणीय नरेंद्र मोदी जी एवं भाजपा परिवार का हृदय से धन्यवाद,
आपने सचमुच मैथिली परिवार को अपना बनाया।
कोटि-कोटि नमन एवं आभार।
"
"और अंत सिर्फ इतना ही कि जो भी व्यक्ति अपने को मैथिली दीदी का शुभचिंतक बताते है और कहते है की राजनीति में आने से उनके कई दुश्मन बन गए है उन्हें अमर शहीद भगत सिंह की डायरी में अंकित ये पंक्तियाँ पढ़नी चाहिए -
"तुम कहते हो, तुम्हारा कोई दुश्मन नहीं?
अफ़सोस! मेरे दोस्त, इस शेखी में दम नहीं,
जो शामिल होता है फ़र्ज़ की लडाई में,
जिसे बहादुर लड़ते ही है
उसके दुश्मन होते ही है। अगर नहीं हैं तुम्हारे
तो वह काम ही तुच्छ है जो तुमने किया हैं।
तुमने किसी ग़द्दार के कुल्हे पर वार नही किया है,
तुमने झूठी कसमे खाने वाले होंठ से प्याला नही छीना है,
तुमने कभी किसी गलती को ठीक नही किया है,
तुम कायर ही बने रहे लडाई में। "
(चार्ल्स मैके, 747)
आपका भाई
प्रसिद्ध नरेश


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