बांदा, के एस दुबे । श्रीवीर विशाल भवन पिपरहरी में द्विवेदी परिवार के तत्वावधान में आयोजित शिव महापुराण कथा में आसपास के क्षेत्र से श्रोताओं की भीड़ उमड़ रही है। कथा वाचक स्वामी चित्यपूर्णानंद सरस्वती जी महराज ने शिव महापुराण को कल्प वृक्ष के समान बताया, कहा कि इस कथा को सुनने मात्र से ही मनुष्य की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। शिव महापुराण की कथा सुनाते हुए कथा वाचक राज राजेश्वरी पीठ वृंदावन के महंत स्वामी चित्यपूर्णानंद ने बताया कि शिव महापुराण की कथा सुख समृद्धि के साथ ही मन को आनंद देने वाली होती है। बताया कि भगवान शिव कल्याण और सुख के मूल स्रोत हैं। कहा कि कथा सुनने मात्र से ही वंश में वृद्धि होती है। कथा वाचक ने बताया कि भगवान भोलेनाथ अपने भक्त पर बहुत जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और वह प्रसन्न होकर भक्तों को बिना किसी बड़े
शिव महापुराण कथा की आरती में शामिल भक्त |
प्रयास के ही सब कुछ प्रदान करते हैं। कहा कि भगवान शिव मात्र सच्ची श्रद्धा और भक्ति के आधानी रहते हैं। इसके पहले कथा की शुरूआत में गणेश वंदना का आयोजन किया गया। कथा के दौरान संगीतकारों ने भजनों के माध्यम से माहौल को भक्तिमय बनाया और श्रोताओं को भक्तिरस में गोते लगवाए। कथा और आरती के बाद भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया गया। कथा के आयोजक योगश द्विवेदी बबलू ने बताया कि शिव महापुराण की कथा का आयोजन प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से 6 बजे तक किया जा रहा है। इस मौके पर मुख्य श्रोता राजेश द्विवेदी, मुन्नी द्विवेदी, ब्रजेश द्विवेदी, देवेश द्विवेदी, अवधेश द्विवेदी आदि भक्तों के साथ ग्राम वासियों व क्षेत्र वासियों ने कथा और भजनों का आनंद लिया।
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