घाट के नाम पर घोटाला
नदी हत्या की तैयारी?
सुशील श्रीवास्तव ने खोली भ्रष्टाचार की परतें
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । चित्रकूट की जीवनदायिनी, आस्था की प्रतीक और अनगिनत जनों की श्रद्धा का केंद्र- माँ मंदाकिनी नदी- आज नगर पालिका की काली साजिशों की शिकार हो रही है। एक ओर घाट निर्माण के नाम पर विकास की बूँदें दिखलाई जाती हैं, वहीं दूसरी ओर उस विकास के नीचे सच का गला घोंटा जा रहा है। यह कोई सामान्य आरोप नहीं, बल्कि एक समाजसेवी की हृदय की पीड़ा है, जिसने सीधे सीएम योगी आदित्यनाथ को संबोधित करते हुए जनसुनवाई पोर्टल पर गूंजती हुई एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई है। पूर्व सभासद सुशील श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि नगर पालिका परिषद चित्रकूट धाम ने मंदाकिनी नदी के मूल जलश्रोतों को मिट्टी से पाटकर सरकारी धन से उन पर ही घाटों का निर्माण कराया जा रहा है। क्या यह विकास है? या फिर यह एक
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| माँ मंदाकिनी का वह स्थल जहां जल श्रोत बंद कर दिए गए |
योजनाबद्ध विनाश है, जिसे अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से अंजाम दिया जा रहा है? सुशील श्रीवास्तव ने न केवल नदी के साथ हो रहे इस अन्याय को उजागर किया है, बल्कि शासन से माँग की है कि इस संपूर्ण प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और जिन-जिन प्राकृतिक जलधाराओं को बंद किया गया है, उन्हें तत्काल पुनः प्रवाहित किया जाए। उनका कहना है कि यदि इस षड्यंत्र को अभी नहीं रोका गया, तो मंदाकिनी का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा, और चित्रकूट की जनता को भविष्य में पानी के लिए त्राहि-त्राहि करनी पड़ेगी। नदी
का जल, जिसे संत तुलसीदास ने पावन कहा, उसी के सीने पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं और उस पर खड़ा किया जा रहा है विकास का ढकोसला। आगे बताया कि नगर पालिका ने लोगों को भ्रमित कर, इस अनैतिक कार्य को जनहितकारी विकास के आवरण में ढंकने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं इस संबंध में नगर पालिका अध्यक्ष ने बताया कि आरोप उनके संज्ञान में नही है।



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