मानकों की अनदेखी या बडा घोटाला?
बडे हादसे की संभावना?
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जिले में लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) की कार्यशैली एक बार फिर कटघरे में खड़ी हो गई है। भौंरी-पहाड़ी संपर्क मार्ग पर लगभग 40 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई नवनिर्मित सड़क एक हफ्ता भी नहीं टिक सकी। शुक्रवार को सड़क धंसने की वजह से एक भारी ट्रक पलट गया। सौभाग्यवश किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली, लेकिन इस घटना ने विभागीय भ्रष्टाचार और निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मात्र कुछ ही दिनों में सड़क की हालत
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| भौंरी-पहाड़ी संपर्क मार्ग पर धंसी हुई सडक |
खस्ताहाल हो गई थी। जगह-जगह दरारें और धंसान दिखने लगे थे। शुक्रवार को जैसे ही एक भारी वाहन सड़क से गुजरा, जमीन धंस गई और ट्रक पलट गया। यदि यह घटना यातायात के अधिक समय पर होती, तो बड़ा हादसा हो सकता था। इस सड़क के निर्माण में जिस तरह की जल्दबाजी और लापरवाही बरती गई है, वह प्रशासनिक आंखें खोलने के लिए काफी है। क्या विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने सड़क निर्माण के दौरान मानक की जांच की थी?
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| धंसी सडक पर पलटा हुआ ट्रक |
क्या गुणवत्ता की कोई निगरानी टीम मौके पर मौजूद थी या फिर ठेकेदारों को मनमानी की खुली छूट दे दी गई थी? यह पहली बार नहीं है जब पीडब्लूडी विभाग सवालों के घेरे में आया हो। कभी पुलों की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें, तो कभी सड़कों के उखड़ने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। जनता का सवाल है कि करोड़ों रुपये खर्च कर बनने वाली सड़कें क्या हफ्तों में ही जवाब दे देंगी?



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