हरित क्रांति की शुरुआत
पहाड़ी (चित्रकूट), सुखेन्द्र अग्रहरि । जब समाज को दिशा देने वाले पत्रकार कलम छोड़कर कुदाल उठाएं और वृक्षों के साये तले पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं तो यह सिर्फ कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक क्रांति की शुरुआत होती है। ऐसी ही हरित क्रांति की एक मिसाल बनी पहाड़ी क्षेत्र का पाण्डेय ढ़ाबा, जहाँ भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के पदाधिकारियों ने संगोष्ठी के साथ वृक्षारोपण कर पर्यावरणीय चेतना का बीज बोया। महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार याज्ञिक ने अपने ओजस्वी संबोधन में वृक्षारोपण के व्यापक प्रभावों को रेखांकित करते हुए कहा कि यह महज पौधे नहीं, बल्कि भविष्य की साँसे हैं जिन्हें हम आज रोप रहे हैं। ये पेड़ न केवल जलवायु परिवर्तन से लड़ते हैं, बल्कि धरती की धड़कनों को बचाते हैं। इस प्रेरणादायक अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य
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| पहाड़ी में वृक्षारोपण करते पत्रकारगण |
केन्द्र पहाड़ी के प्रभारी डॉ उदय प्रताप सिंह ने बेहद भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि हर व्यक्ति को एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए और उसकी देखभाल ठीक वैसे ही करनी चाहिए जैसे अपने बच्चे की करते हैं। मण्डल अध्यक्ष अखिलेश दीक्षित ने जोर दिया कि वृक्ष हमारे पर्यावरण के फेफड़े हैं। ये न सिर्फ हमें ऑक्सीजन देते हैं, बल्कि वायु प्रदूषण को भी दूर करने में अहम भूमिका निभाते हैं। कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि पत्रकारों ने शब्दों से आगे बढ़ते हुए मौलश्री, बेला, रातरानी, मधुकामिनी, अशोक, गुलाब, गुलहड़ और हरश्रृंगार जैसे बहुपयोगी पौधों का रोपण किया। जिलाध्यक्ष शिवमूरत द्विवेदी ने बताया कि यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं बल्कि हर सदस्य की व्यक्तिगत जिम्मेदारी बन गई है कि लगाए गए पौधों की देखभाल की जाए। इस सराहनीय आयोजन में वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुमार नामदेव, रमेश कुमार रैकवार, शैलेन्द्र कुमार सिंह, रामनारायण साहू, विराग पाण्डेय, डा दिनेश कुमार सिंह कुशवाहा, गोपीचन्द पाण्डेय, सर्वेश पाण्डेय सहित संगठन के कई अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।


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