ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । हर वर्ष 30 जुलाई को मनाए जाने वाले विश्व मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस के अवसर पर इस बार जिले में बाल तस्करी के खिलाफ एक विशेष जागरूकता और सतर्कता अभियान शुरू किया गया है। जन कल्याण शिक्षण प्रसार समिति और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) चित्रकूट के संयुक्त तत्वावधान में 15 जुलाई से 30 जुलाई तक यह अभियान चलाया जा रहा है। चित्रकूट जैसे धार्मिक पर्यटन क्षेत्र से मुंबई, दिल्ली, सूरत और कोलकाता जैसे बड़े शहरों के लिए ट्रेनें जाती हैं, जिससे बच्चों की तस्करी की संभावना अधिक हो जाती है। इस खतरे को देखते हुए रेलवे प्लेटफॉर्म, बस स्टैंड और टैक्सी स्टैंड पर अनाउंसमेंट, बैनर-पोस्टर और व्यक्तिगत संवाद के माध्यम से
![]() |
| बाल तस्करी के खिलाफ जागरूकता अभियान में मौजूद अधिकारीगण |
यात्रियों, टैक्सी चालकों व आमजनों को सतर्क किया जा रहा है। रेल प्रशासन ने ट्रैफिकर्स पर कड़ी नजर रखने का निर्देश जारी किया गया है। जन कल्याण शिक्षण प्रसार समिति के सचिव शंकर दयाल ने बताया कि भारत में नन्हे फरिश्ते अभियान के तहत बीते सात वर्षों में 84,019 बच्चों को बचाया जा चुका है। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी को बाल तस्करी से जुड़ी संदिग्ध गतिविधि नजर आए, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 139 या 1098 पर सूचित करें। इस अभियान में बाल संरक्षण अधिकारी सौरभ सिंह, चाइल्ड हेल्पलाइन के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर विशेष कुमार त्रिपाठी, काउंसलर अभिनव सिंह, सुपरवाइजर रामचंद्र, रेलवे सुपरवाइजर दीपक, केस वर्कर कपिल शर्मा, आरपीएफ इंचार्ज राजेंद्र यादव, जीआरपी इंचार्ज अजय भदौरिया समेत कई अधिकारी व स्वयंसेवी संगठन के कार्यकर्ता सक्रिय हैं।
.jpeg)

No comments:
Post a Comment