बघेली से भरतनाट्यम तक- विविध छटाएं
संस्कृति का विराट उत्सव
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा दीनदयाल शोध संस्थान के सहयोग से तीन दिवसीय भारत सांस्कृतिक यात्रा का शुभारंभ गुरुवार को सुरेन्द्र पाल ग्रामोदय विद्यालय के विवेकानंद सभागार में हुआ। इस सांस्कृतिक महाकुंभ का उद्घाटन मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करते हुए भारत की सांस्कृतिक विविधता को देश की असली ताकत बताया। उपमुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि हमारी विविध भाषाएं, कलाएं, संगीत और परंपराएं- ये सब मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करती हैं, जो विश्व के लिए सांस्कृतिक आदर्श है। भारत सांस्कृतिक यात्रा जैसे आयोजन इस धरोहर को जीवंत बनाए रखते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत राजस्थान की ममता राठौर एवं दल के प्रस्तुत कालबेलिया और घूमर नृत्य से हुई, जिसने सभागार में तालियों की गूंज भर दी। इसके बाद लखनऊ की नेहा
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| कार्यक्रम मे ग्रामोदय विश्वविद्यालय को सम्मानित करते डीआरआई के संगठन सचिव |
सिंह सैंगर के प्रस्तुत कथक नृत्य-नाटिका ने दर्शकों को सभ्यता, प्रकृति और शांति जैसे गंभीर विषयों पर सोचने को विवश किया। रीवा की विनीता दोहरे का बधाई नृत्य, अजिता द्विवेदी द्वारा प्रस्तुत बघेली लोकगायन, शिखा पाल का फाग नृत्य और करिश्मा केसरी का भरतनाट्यम- हर प्रस्तुति में भारत की सांस्कृतिक आत्मा झलकती रही। कार्यक्रम में उत्तर मध्य सांस्कृतिक केंद्र के प्रभारी निदेशक आशीष गिरि ने बताया कि कि भारत सांस्कृतिक यात्रा का उद्देश्य भारत की विविध सांस्कृतिक परंपराओं को एक मंच पर प्रस्तुत कर एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत करना है। कार्यक्रम प्रभारी एमएम मणि ने सभी कलाकारों को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। आगामी दो दिनों तक यह यात्रा रीवा और सतना के लोक एवं शास्त्रीय सांस्कृतिक रंगों से चित्रकूटवासियों को भावविभोर करती रहेगी।
ग्रामोदय विश्वविद्यालय को विेशेष सम्मान कार्यक्रम में चित्रकूट धाम की तीन विभूतियों- पद्मविभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य (ज्ञानपीठ सम्मान), डॉ बीके जैन (पद्मश्री) एवं डॉ भरत मिश्रा (विश्वविद्यालय को नैक की एए प्लस ग्रेड और यूजीसी की श्रेणी-1 स्वायत्तता)- को सांस्कृतिक मंच से विशेष रूप से सम्मानित किया गया। यह सम्मान डीआरआई के राष्ट्रीय संगठन सचिव अभय महाजन द्वारा प्रदान किया गया।
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