प्रगतिशील किसान की बगिया में आयोजित सम्मेलन में जुटे देश भर के किसान
बाँदा, के एस दुबे । खेती के दार्शनिक और व्यावहारिक पहलुओं पर विचार मंथन के लिए प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह की बगिया में चल रहे 27वें जीवन विद्या सम्मेलन में देश भर के किसानों ने सह अस्तित्व पर आधारित आवर्तनशील खेती के सफल मॉडल को अपनाने की पहल की है। प्रगतिशील किसान की बगिया में चल रहे 27वें सम्मेलन के दूसरे दिन शुक्रवार को खेती के दार्शनिक स्वरूप को जमीनी हकीकत के रूप में लागू अनेक सफल प्रयासों को जरूरत के अनुरूप समय की माँग बताया। चार दिनी इस सम्मेलन में नेपाल, कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक के अनेक राज्यों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान किसान चौपाल का आयोजन
![]() |
| सम्मेलन में मौजूद किसान |
किया गया, जिसमें आवर्तनशील खेती को अपनाने वाले किसानों ने अपने अनुभव साझा किए। रायबरेली के प्रगतिशील किसान शेखर त्रिपाठी ने आवर्तनशील खेती की कामयाबी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह खेती ना केवल किसानों के लिए समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करती है। युवा किसान आदित्य एवं महिला किसान निधि ने बीज एवं जल संचयन की आवर्तनशीलता से संबंधित विचार और अनुभव साझा किए। नेपाल से आए किसान तोयनाथ ने जीवन विद्या से खेती की आसान और सस्ती विधियों को अपनाने के अपने फैसले को समझदारी पूर्ण बताया। कहा कि आवर्तनशील खेती को नेपाल के किसान भी अपना रहे है। इसी प्रकार से आईटी प्रोफेशनल रुद्र सिंह एवं उनकी पत्नी सुयश ने भी अपने विचार व्यक्त किए।


No comments:
Post a Comment