चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि - जिलाधिकारी पुलकित गर्ग ने पर्यटन विभाग की संचालित रामघाट संस्कृतिक एवं शहरी कायाकल्प, चौड़ीकरण तथा सौंदर्यीकरण परियोजना का स्थलीय निरीक्षण किया । उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड की इस परियोजना की कुल लागत ₹2410 लाख बताई गई है। निरीक्षण के दौरान पर्यटन विभाग के अधिकारी, प्रोजेक्ट मैनेजर, अवर अभियंता एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। धर्मनगरी स्थित रामघाट में निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने परियोजना की गुणवत्ता, संरचनात्मक सुरक्षा तथा सौंदर्यीकरण के मानकों को सुनिश्चित करने के लिए विभागीय अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ड्रेन कवर के ऊपर लगाए जाने वाले पत्थरों को निर्धारित पैटर्न में स्थापित किया जाए। पाथ वे के स्टाम्प्ड कंक्रीट पर आकर्षक एवं बहुरंगी डिज़ाइन तैयार की जाए। दुकानों के सामने स्थित पुराने नाले एवं केबल ट्रेंच का लेवल समान रखा जाए तथा उन पर भी स्टाम्प्ड कंक्रीट पैटर्न का समुचित विकास किया जाए।
भविष्य में केबल डालने और रखरखाव के लिए उपयुक्त दूरी पर मैनहोल बनाए जाएँ। ड्रेन और केबल ट्रेंच के बीच उपलब्ध खाली हिस्से में सुव्यवस्थित ग्रीनरी विकसित की जाए। घाट पर प्लेटफॉर्म में लगाए जा रहे पत्थरों में भी सौंदर्यपरक पैटर्न सुनिश्चित किया जाए। फसाड ट्रीटमेंट के लिए आर्किटेक्ट को निर्देशित किया गया कि सभी निर्माण कार्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुरूप किए जाएँ। आवश्यकता पड़ने पर पत्थर या प्लास्टर की जगह जीआईसी अथवा एफ आर पी सामग्री का उपयुक्त प्रावधान किया जा सकता है। इसके साथ ही रामघाट में प्रस्तावित ड्रेन एवं सीवर लाइन के कार्य के लिए जल संस्थान, नगर पालिका की स्वीकृत ड्रॉइंग एवं डिज़ाइन के आधार पर ही आगामी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। परियोजना समीक्षा के क्रम में नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी द्वारा संबंधित भवन स्वामियों के साथ एक बैठक भी आयोजित की गई। जिसमें पर्यटन विभाग की ओर से उनके समक्ष स्वीकृत ड्रॉइंग और डिज़ाइन प्रस्तुत की गई। भवन स्वामियों की सहमति एवं सुझावों को ध्यान में रखते हुए कार्यों को व्यवस्थित और समन्वित रूप से आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि यह परियोजना न केवल रामघाट के सौंदर्यीकरण का महत्वपूर्ण प्रयास है, बल्कि स्थानीय जनजीवन, व्यापार एवं पर्यटन विकास को नया आयाम देने वाला भी है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्य की गुणवत्ता, समयबद्धता और सुरक्षा मानकों से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा। इसी क्रम में रामघाट के खोया पाया केंद्र में रामघाट के चौड़ीकरण विस्तारीकरण एवं सौंदर्यीकरण विषय पर परिचर्चा हुई । जिसमें नगर पालिका परिषद वार्ड के सभासद, पर्यटन विभाग, यूपीपीसीएल के अधिकारी व मठ मंदिर धर्मशालाओं के संत व दुकानदार मौजूद रहे।


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